Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में अब ज्यादा समय नहीं रह गया है। ऐसे में लोगों के मन में भी लोकसभा चुनाव को लेकर उत्सुकता देखि जा रही है। दरअसल लोकसभा चुनावों में एक खास पैटर्न फॉलो किया जाता हैं। आपको जानकारी होगी की लोकसभा के चुनाव में चरण में वोटिंग होती है। लेकिन क्या आप यह जानते है कि हर चरण में जनता का भी एक पैटर्न दिखाई देता हैं। दरअसल आज हम आपको 2019 लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग का एक खास पैटर्न बताने वाले हैं।
दरअसल लोकसभा 2019 के चुनाव में (2019 Lok Sabha Election) पहले चरण में वोटिंग परसेंटेज (Voting Percentage) में एक खास पैटर्न नजर आया था, यानी पहले चरण में एक मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली थी। दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले चरण में बिहार में वोटिंग परसेंटेज केवल 50% ही रहा था। जबकि त्रिपुरा की और नजर डालें तो वहां 81.80% वोट पहले चरण में पड़े थे। दरअसल इस बार लोकसभा चुनाव में पहले चरण के लिए मतदान 19 अप्रैल को होने वाले हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में इस बार पहले चरण में 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों पर मतदान होंगे।
जानें 2019 के लोकसभा चुनाव का पहला चरण का मतदान:
जानकारी दे दें की लोकसभा चुनाव 2019 का पहला चरण का चुनाव 11 अप्रैल को हुआ था। जिसमें 14 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं ने 91 लोकसभा सीटों के लिए अपना वोट डाला था। दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले चरण में वोटिंग परसेंटेज को लेकर बात की जाए तो इसमें बिहार में काफी कम वोट देखने को मिले थे जबकि सबसे ज्यादा वोटिंग की बात की जाए तो त्रिपुरा में 81.80% वोट पड़े थे।
राज्यों के अनुसार समझे वोटिंग परसेंटेज:
दरअसल लोकसभा चुनाव 2019 की बात की जाए तो इसमें वोटिंग परसेंटेज कुछ इस प्रकार से थे। दरअसल 2019 में आंध्र प्रदेश में 66%, बिहार में 50%, छत्तीसगढ़ में 56%, अरुणाचल प्रदेश में 66%, असम में 68 फीसदी, जम्मू-कश्मीर में 54.49%, महाराष्ट्र में 56%, नागालैंड में 78%, ओडिशा में 68%,मणिपुर में 78.20%, मेघालय में 67.16%, मिजोरम में 60%, सिक्किम में 69%, तेलंगाना में 60%, त्रिपुरा में 81.80%, उत्तर प्रदेश में 63.69%, उत्तराखंड में 57.85%, पश्चिम बंगाल में 81%, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 70.67% और लक्षद्वीप में 66% वोटिंग हुए थे।
दरअसल पूरे आंकड़े की बात की जाए तो 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले चरण ने साफ कर दिया था की जनता का रुख कैसा है। आपको बता दें की वोटों का बढ़ना कहीं न कहीं दिखता है कि जनता चुनाव को लेकर सचेत है और अपने मत का अधिकार करना चाहती है।