मुंबई, डेस्क रिपोर्ट। महाराष्ट्र (Maharashtra) में दिनों दिन हालात बिगड़ते जा रहे है। नाइट कर्फ्यू और वीकेंड लॉकडाउन के बावजूद हर दिन कोरोना वायरस के 50 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं, इसी बीच सीएम उद्धव ठाकरे ने बड़ा ऐलान किया है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब सख्त कदम उठाने का वक्त आ गया है बुधवार रात 8 बजे से कुछ पाबंदियां लागू होंगी ।पंढरपुर में उपचुनाव (By-election) के चलते यह बंधन लागू नहीं होंगे।पूरे राज्य में धारा 144 लागू है। पूरे राज्य में ब्रेक द चेन मुहिम लागू करेंगे। 15 दिन तक पूरे राज्य में संचार बंदी(जरूरी नही तो जाना बंद)
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ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में सिर्फ जरूरी सेवाओं के लिए ट्रांसपोर्ट सेवा शुरू रहेगी। बैंकिंग सेवाएं जारी रहेंगी। रेस्टोरेंट्स केवल टेक अवे और होम डिलीवरी के लिए खुले रहेंगे। लोकल ट्रेन और बस सेवाएं बंद नहीं रहेगी। ई-कॉमर्स और पेट्रोल पंप खुले रहेंगे। प्रदेश के सात करोड़ लोगों को राशन की दुकानों से 3 किलो गेहूं और 2 किलो चावल एक महीने के लिए दिया जाएगा। 5 रू में मिलने वाली शिव भोजन थाली भी एक माह तक मुफ्त मिलेगी।
ठाकरे ने कहा है कि महाराष्ट्र के हालत बहुत डरावने है, अस्पतालों पर जबरदस्त दबाव है। कोरोना पर सारी सुविधाएं कम पड़ रही है। महाराष्ट्र में परीक्षाओं (Board Exam 2021) को टाल दिया गया है। केंद्र सरकार (Central Government) से हमने और ऑक्सीजन की मांग की है। हमारे पास रेमेडीसिविर आना शुरू हो गई है। हम कोरोना पर कोई जानकारी नहीं छुपा रहे हैं लेकिन यह नियंत्रण से बाहर हो गया है।
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मैंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) से कहा है कि क्या हवाई मार्ग से भी ऑक्सीजन आ सकती है ।GST जमा करने की डेडलाइन 3 महीने और बढानी चाहिए ।मेरा प्रधानमंत्री से निवेदन है कि कोरोना के कारण लोगों को जो आर्थिक संकट हो रहा है उसमें कुछ मदद की जाए। निर्माण कार्य में कार्य करने वाले फेरीवाले रजिस्टर लोगों को 1500 रू महीना और आदिवासियों को 2000 रू महीना दिया जाएगा।5500 करोङ रू कोविड संकट से निपटने दिये है।
टोटल लॉकडाउन लगाने से इंकार कर दिया है, हालांकि पिछले सप्ताह सर्वदलीय बैठक को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस ओर संकेत भी दिए थे। अटकलें लगाई जा रही थी कि राज्य-गठित टास्क फोर्स और सभी राजनीतिक और व्यापार निकायों के साथ विचार-विमर्श में 15 दिनों के लॉकडाउन या 21 दिनों के लिए बंद करने का विकल्प देने के बाद फैसला लिया जा सकता है , लेकिन अर्थव्यवस्था को देखते हुए सख्ती की गई है।