घरेलू हिंसा के चलते बहू को घर से निकाल सकते हैं सास-ससुर: हाई कोर्ट

pm modi

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। घरेलू हिंसा के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत बहू को संयुक्त परिवार में रहने का अधिकार नहीं है और उसे सास ससुर के आदेश पर बेदखल किया जा सकता है। न्यायमूर्ति योगेश खन्ना, बहू द्वारा लगाए हाय और निचली अदालत के आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रहे थे। जिसमे कहा गया था कि उसके सास ससुर घर में नहीं रहने दे रहे हैं। इस पर निचली अदालत ने सास सौर के पक्ष में फैसला सुनाया था।

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उच्च न्यालय के न्यायाधीश ने भी इस फैसले को सुरक्षित रखा है और कहा कि एक संयुक्त घर के मामले में, मालिक पर कोई प्रतिबंध नहीं है। वे अपनी बहू को घर से बाहर कर सकते हैं उसके एवज में उन्हें जब तक शादी रहती है उस समय तक एक वैकल्पिक आवास प्रदान किया जाए। न्यायाधीश ने आगे कहा कि वर्तमान मामले में दोनों ससुराल वाले वरिष्ठ नागरिक हैं जो शांति से रहने के हकदार हैं और अपने बेटे और बहू के बीच वैवाहिक कलह का शिकार नहीं होना चाहते हैं।


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Ram Govind Kabiriya