नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। आज सुबह IRCTC के शेयर में 4 फीसदी की तेजी देखी गई है। BSE पर आज IRCTC के शेयर की शुरुआत 712 रुपए से हुई थी जो थोड़ी ही देर में 746.75 रूपए पर पहुंच गया। IRCTC के शेयर में आए इस उछाल की वजह कंपनी का एक नया प्लान बताया जा रहा है।
अपने नए प्लान के मुताबिक इंडियन रेलवे टिकट बुकिंग आर्म मोनेटाइजेशन के जरिए 1000 करोड़ का रेवेन्यू जनरेट करने का प्लान बना रही है। इसके लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। किन खबर सामने आने के बाद यूजर्स में डेटा सेफ्टी और प्राइवेसी को लेकर कई सवाल देखे जा रहे हैं। टेंडर में इस बात की जानकारी दी गई है कि IRCTC एक कंसल्टेंट नियुक्त करने वाली है, जो उन्हें डेटा मोनेटाइजेशन के बारे में सलाह देगा।
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बता दें कि IRCTC के पास यूजर्स का लगभग 100 टेराबाइट डाटा मौजूद है। इसमें टिकट बुकिंग करने से लेकर बुक करने वाले की सारी जानकारी मौजूद है। जिसके बाद यह कहा जा रहा है कि रेलवे यात्रियों का डेटा बेच कर पैसा कमाने का प्लान बना रही है।
इस बात का जवाब हां या ना में दे पाना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि इसे अच्छे से समझने की जरूरत है। जानकारी के मुताबिक IRCTC अपने पास मौजूद 100TB डाटा कभी नहीं बेचेगी। इस डाटा पर हमेशा कंपनी का कंट्रोल रहेगा। इस डाटा का इस्तेमाल कंपनी समय-समय पर पैसा कमाने के लिए करने वाली है। उदाहरण के तौर पर यदि कोई यात्री यात्रा करते वक्त ई-कैटरिंग के जरिए खाना मंगाता है, तो अगली बार यात्रा करने पर शायद उसे ई-कैटरिंग कंपनियों के नोटिफिकेशन आए ताकि वह अपना खाना मंगा सके। कैब बुकिंग में भी इस तरह की सुविधा मिल सकती है।
कंपनी ने अभी यह साफ नहीं किया है कि वह किस तरह से इस डेटा का इस्तेमाल करना चाहती है। कंपनी का कहना है कि वह यूजर्स के एक्सपीरियंस को बेहतर बनाना चाहती है और थर्ड पार्टी से डेटा शेयर कर पैसे भी कम आना चाहती है।
🚨ALERT: Hey train travellers, your data will soon be monetised by the govt. & that too, in the absence of a data protection legislation! @IRCTCofficial has uploaded a tender to appoint a consultant for digital data monetisation.🧵on what this means. 1/8https://t.co/YbyF0tazZi pic.twitter.com/x9vMfGlKxC
— Internet Freedom Foundation (IFF) (@internetfreedom) August 19, 2022
इस मामले में इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन और यूजर्स को डेटा प्राइवेसी का खतरा सता रहा है। IFF इस बारे में सरकार को पत्र भी लिख चुका है। उसे डर है कि यात्रियों के डाटा का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है।