Health Insurance: वरिष्ठ नागरिकों के लिए अच्छी खबर! 65 साल से अधिक उम्र के लोग खरीद सकेंगे हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी

IRDAI की तरफ से इंश्योरेंस के नियमों में बदलाव के चलते अब 65 साल से ज्यादा उम्र के लोग हेल्थ इंश्योरेंस ले सकेंगे।

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New Health Insurance Policy: वरिष्ठ नागरिकों के लिए महत्त्वपूर्ण जानकारी है। दरअसल, भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) की ओर से वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक महत्त्वपूर्ण फैसला लिया गया है, जिसके तहत हेल्थ इंश्योरेंस के नियमों में बदलाव किया गया है। इस नए नियम के तहत अब हेल्थ इंश्योरेंस के लिए आयु सीमा को हटा दिया गया है। बता दें कि पहले केवल 65 साल तक के उम्र के लोग ही हेल्थ इंश्योरेंस करा सकते थे। आइए जानते हैं विस्तार से…

65 साल से ज्यादा उम्र के लोग ले सकेंगे हेल्थ इंश्योरेंस

IRDAI की तरफ से इंश्योरेंस के नियमों में बदलाव के चलते अब 65 साल से ज्यादा उम्र के लोग हेल्थ इंश्योरेंस ले सकेंगे। हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में यह नियम 1 अप्रैल 2024 से लागू कर दिया गया है। अब 65 साल से ज्यादा के वरिष्ठ नागरिक नई हेल्थ इश्योरेंस पॉलिसी खरीद सकते हैं।

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IRDAI ने बीमा कंपनियों को दिए निर्देश

IRDAI द्वारा इस संबंध में बीमा कंपनियों को निर्देश जारी कर दिया गया है कि कंपनियां वरिष्ठ नागरिकों के ध्यान में रखते हुए बीमा पॉलिसीज बनाए। साथ ही कंपनियों को बीमा पॉलिसीज से संबंधित शिकायतों और दावों के निपटारे के लिए समर्थित चैनल स्थापित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

एड्स, कैंसर जैसी बीमारी के लिए भी ले सकेंगे इंश्योरेंस

IRDAI की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक अब बीमा कंपनिया एड्स, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के लिए इंश्योरेंस लेने से मना नहीं कर सकती हैं। इसके अलावा बीमा नियामक प्राधिकरण ने वेटिंग पीरियड को 48 महीने की बजाय 36 महीने कर दिया है। चाहे पॉलिसीहोल्डर ने शुरूआत में अपनी बीमारी की स्थिति को बताया हो या नहीं। ऐसे में सभी मौजूदा स्थिति को 36 महीने के अंदर कवर कर दिए जाने का भी निर्देश दिया है।


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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