कोरोना से हारे वरिष्ठ भाजपा नेता, इलाज के दौरान निधन, पार्टी में शोक लहर

Pooja Khodani
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जयपुर, डेस्क रिपोर्ट। देशभर मे कोरोना का तांडव जारी है, आंकड़ा 55 लाख के करीब पहुंच गया है और अबतक 85 हजार से ज्यादा की मौत हो चुकी है। इसी बीच एक के बाद एक नेताओं के निधन की खबरें सामने आ रही है । अब वरिष्ठ भाजपा नेता दामोदर बंग (Damodar Bang) कोरोना से जंग में हार गए। जोधपुर स्थित एम्स में भर्ती बंग के इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। उनके निध की खबर से पार्टी में शोक की लहर दौड़ गई।

मिली जानकारी के अनुसार, बीते शनिवार को तत्कालीन यूआईटी के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता दामोदर बंग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में जोधपुर स्थित एम्स में भर्ती करवाया गया था।जहां रविवार को इलाज के दौरान उनका निधन हो गया । ‘बाउजी’ के नाम से पहचान बनाने वाले बंग लंबे समय से अपने पावटा पोलो स्थित मकान में ही रह रहे थे। भाजपा के कई नेताओं ने उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की थी, लेकिन उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ और उनका निधन हो गया।अस्पताल में भर्ती होने से पहले वे लम्बे समय तक सामाजिक व राजनीतिक कार्यक्रमों में शामिल होते रहे।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया (Dr. Satish Poonia) और राज्य सभा सांसद राजेन्द्र गहलोत (Rajendra Gehlot) ने बंग के निधन पर गहरा दुःख प्रकट किया है। पार्टी नेताओं ने अपने शोक सन्देश में दामोदर बंग “बाऊजी” को श्री चरणों मे स्थान देने और सभी परिजनों को संबल प्रदान करने की इश्वर से कामना की है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश का कुल संक्रमितों का आंकड़ा 114989 पहुंच गया है।रविवार देर रात आए आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में नए रिकॉर्ड 1865 कोरोना पॉजिटिवों केसेज की पुष्टि हुई है। अब सबसे ज्यादा केसेज राजधानी जयपुर में हैं, जिनकी संख्या 17455 है। वहीं जोधपुर दूसरे स्थान है,यहां कुल मरीजों की संख्या 16996 है। वहीं अब तक 1336 मरीजों की जान जा चुकी है।

ऐसा रहा राजनैतिक सफर

  • जनसंघ और भाजपा संगठन में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे।
  • जोधपुर नगर सुधार न्यास के अध्यक्ष की भी ज़िम्मेदारी बखूबी निभाई।
  • अखिल भारतीय माहेश्वरी समाज के वरिष्ठ कार्यकर्ता और लोकतंत्र रक्षा मंच के मार्गदर्शक संरक्षक भी रहे।
  • राम मंदिर से जुड़े आन्दोलन में भी उन्होंने बढ़-चढ़कर भूमिका निभाई।
  • आन्दोलन के दौरान वे कई बार जेल भी गए।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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