श्रीकृष्णजन्मभूमि मामले में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ख़ारिज की शाही ईदगाह मस्जिद की याचिका, 12 अगस्त को होगी अगली सुनवाई

मुस्लिम पक्ष ने वक्फ, एक्ट सहित कुल पांच कानून का हवाला देते हुए हिंदू पक्ष की याचिकाओं को खारिज किए जाने की मांग अपनी याचिका में की थी लेकिन हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मालिकाना हक को लेकर हिंदू पक्ष की याचिकाएं सुनवाई योग्यं हैं।

Atul Saxena
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Shri Krishna Janmabhoomi case : श्रीकृष्णजन्मभूमि मामले में आज इलाहाबाद हाई कोर्ट में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है, कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद की याचिका को ख़ारिज कर दिया है और हिन्दू पक्ष की याचिका को सुनने योग्य माना है, हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि अब इस केस में ट्रायल शुरू होगा, मामले की अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी।

आज गुरुवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मथुरा स्थित कृष्ण जन्मभूमि- शाही ईदगाह विवाद मामले में एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की उस या‍चिका को ख़ारिज कर दिया जिसमें हिन्दू पक्ष की याचिका पर आपत्ति जताई गई थी। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की अदालत में हुई जिससे हिंदू पक्ष को बड़ी राहत मिली है। दर असल पूरा विवाद मुगल सम्राट औरंगजेब के समय बनाई गई शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़ा है, हिन्दू पक्ष का दावा है कि इसका निर्माण भगवान कृष्ण की जन्मस्थली पर बने मंदिर को कथित तौर पर ध्वस्त करने के बाद किया गया जिसका मुस्लिम पक्ष विरोध कर रहा है।

हाई कोर्ट ने हिन्दू पक्ष की याचिका को सुनवाई योग्य माना  

हाई कोर्ट में हिंदू पक्ष की तरफ से पेश की गई याचिकाओं में शाही ईदगाह मस्जिद की जमीन को हिंदुओं का बताया है और वहां पूजा का अधिकार दिए जाने की मांग की है। वहीं मुस्लिम पक्ष ने वक्फु एक्टै सहित पांच कानूनों का हवाला देते हुए हिंदू पक्ष की याचिकाओं को खारिज किए जाने की मांग की है, लेकिन हाई कोर्ट ने मालिकाना हक को लेकर हिंदू पक्ष की याचिकाएं सुनवाई योग्य माना और कहा कि इन पर सुनवाई जारी रहेगी। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब इस मामले में ट्रायल शुरू होगी।

12 अगस्त को होगी अगली सुनवाई 

हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि आज इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विस्तृत सुनवाई करने के बाद शाही  ईदगाह मस्जिद की याचिका को खारिज कर दिया  है। शाही ईदगाह मस्जिद का तर्क था कि ये मुकदमा पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 (Worship Act), वक्फ एक्ट सहित कुल 5 कानून के तहत वर्जित है,  हाई कोर्ट ने इस तर्क को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा है कि ये चलने योग्य मुकदमा है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी। जैन ने कहा कि मैं इसे जीत या हार के रूप में नहीं देखता शाही ईदगाह मस्जिद ने अपने तर्क रखे हमें अपने तर्क रखे, अब इस मामले में सुनवाई होगी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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