नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। देश सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने देश की लड़कियों के हक़ में आज बुधवार को एक अहम् फैसला सुनाते हुए उन्हें राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) की परीक्षा में शामिल होने का अधिकार दे दिया। एक याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि NDA की परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं देना “लिंगभेद की नीति” को दर्शाता है । फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि NDA में दाखिला कोर्ट के अंतिम आदेश के तहत होगा।
याचिकाकर्ता यश कालरा की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस किशन कॉल और जस्टिस हृषिकेश रॉय की खंडपीठ ने सेना से उनका पक्ष जाना। सेना की तरफ से मौजूद वकील ने NDA की परीक्षा में लड़कियों को शामिल नहीं किये जाने के फैसले को नीतिगत निर्णय बताया। जिसपर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए इसे लिंगभेद नीति पर आधारित फैसला बताया और अंतरिम आदेश देते हुए लड़कियों को NDA की परीक्षा में शामिल होने की अनुमति प्रदान कर दी।
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सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद यूपीएससी (UPSC) द्वारा आगामी 5 सितम्बर को प्रस्तावित NDA की परीक्षा में लड़कियों के शामिल होने का रास्ता साफ हो गया है। अपने आदेश में कोर्ट ने ये भी कहा कि NDA में दाखिला कोर्ट के अंतिम आदेश के आधार पर होगा।