कोरोना से मौत पर 4 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने को लेकर सरकार ने कही बड़ी बात

Atul Saxena
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट।  कोरोना से होने वाली मौत पर मृतक के परिजन को चार लाख रुपये मुआवजा दिए जाने से केंद्र सरकार ने इंकार किया है।  सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने हलफनामा पेश करते हुए कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अंतर्गत प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, भूकंप आदि से होने वाली मौत पर मुआवजा देने का नियम है  यदि एक बीमारी से हुई मौत पर मुआवजा दिया गया और दूसरी पर नहीं तो ये गलत होगा।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है जिसमें कोरोना से हुई मौत पर मृतक के परिजनों को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत 4 लाख रुपये मुआवजा देने का अनुरोध किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार याचिका की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से जो हलफनाम अपेक्ष किया गया है उसमें कोरोना से मौत पर 4 लाख रुपये मुआवजा देने में असमर्थता जताई गई है।

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हलफनामे में सरकार की तरफ से कहा गया है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 में प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, भूकंप जैसी आपदाओं पर मुआवजा देने का प्रावधान है इसलिए एक बीमारी से मौत पर मुआवजा दिया गया और दूसरी पर नहीं तो ये गलत होगा।

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जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने हलफनामें में ये भी कहा है कि यदि प्रत्येक कोरोना मरीज कीमौत पर राज्य सरकार 4 – 4  लाख रुपये मुआवजा देगी तो उसपर वित्तीय भार पड़ेगा जो उसकी सामर्थ्य के बाहर होगा और ऐसा करने से उसका फंड खर्च हो जाएगा और कोरोना से लड़ाई प्रभावित होगी। केंद्र सरकार ने हलफनामे में कहा कि वैसे ही कोरोना के कारन राज्य सरकारों पर अतिरिक्त बोझ पड़ा है और फिर टैक्स वसूली भी कम होने से उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई है।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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