भारत की इकलौती भाषा, जिसका नाम सीधा और उल्टा है एक समान, जानें यहां

यह भारत की इकलौती ऐसी भाषा है, जिसे चाहे आप उल्टा पढ़े या सीधा इसका नाम नहीं बदलता है। अच्छे से अच्छे धुरंधर भी इस सवाल का जवाब नहीं दे पाते हैं।

Sanjucta Pandit
Published on -

Language Name is Same from Both Sides : भारत में बहुत सारी भाषाएं बोली जाती है, जिनमें हिंदी, अंग्रेजी, उड़िया, आसामी, तेलुगू, बंगाली सहित अन्य कई भाषाएं शामिल है। यह एक माध्यम होता है, जिससे लोग अपनी भावनाएं विचार जानकारी आदि शेयर करते हैं, जो कि किसी भी मनुष्य के जीवन में अहम भूमिका निभाती है। दुनिया में लगभग 7000 से अधिक भाषाएं बोली जाती हैं। वहीं, भारत की बात करें तो यहां education.gov.in की रिपोर्ट के अनुसार यहां 1652 भाषाएं बोली जाती है। संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाओं का उल्लेख मिलता है।

आज हम आपको भारत की इकलौती ऐसी भाषा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे आप सीधा पढ़ें या उल्टा उसका नाम नहीं बदलेगा।

इकलौती भाषा

जी हां! बिल्कुल सही पढ़ा आपने… यह भारत की इकलौती ऐसी भाषा है, जिसे चाहे आप उल्टा पढ़े या सीधा इसका नाम नहीं बदलता है। अच्छे से अच्छे धुरंधर भी इस सवाल का जवाब नहीं दे पाते हैं। सामान्य ज्ञान के लिहाज से भी यह सवाल का आंसर पता होना जरूरी है।

जानें अर्थ

दरअसल, इस सवाल का जवाब मलयालम है, जो कि कुल 5 अक्षरों वाला शब्द है। जिसे भारत में शास्त्रीय भाषा के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। यह केरल में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा है, इसे मलयालम के अलावा मलयाळम भी लिखा जाता है। केरल के अलावा इसे कन्याकुमारी, दक्षिण कन्नड़ जिला और लक्षद्वीप में बोली जाती है। इसका अर्थ पर्वत और स्थान है। बता दें कि यह शब्द दो शब्दों से जुड़कर बना है।


About Author
Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

Other Latest News