वैक्सीन के बदले कर रहा था दस दस रुपये की वसूली, भड़के ग्रामीण, जांच के आदेश

Atul Saxena
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Gwalior

कानपुर, डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ प्रधानमंत्री कोरोना की मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध करा रहे हैं वहीँ कुछ लोग वसूली कर वैक्सीनेशन अभियान को बदनाम करने की कोशिश में लगे हुए हैं। ताजा मामला उत्तरप्रदेश के कानपुर देहात से सामने आया हैं जहाँ वैक्सीनेशन कैम्प के दौरान एक गाँव में स्वास्थ्य विभाग का ड्राइवर ग्रामीणों से वैक्सीन के नाम पर दस दस रुपये की वसूली कर रहा था।  मामला सामने आने के बाद सीएसएचओ ने मामले की जाँच के आदेश दे दिए हैं।

कोरोना महामारी से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सभी राज्यों के लिए मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध करा रहे हैं जिससे कोई भी गरीब या आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति भी वैक्सीनेशन से ना रह जाए लेकिन सरकार में बैठे लोग ही वैक्सीनेशन अभियान को पलीता लगाने में लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग के कुछ लोगों द्वारा वैक्सीन के बदले अवैध वसूली का मामला सामने आया है।

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दरअसल उत्तरप्रदेश के कानपुर देहात के राजपुर ब्लॉक के रमऊ गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने वैक्सीनेशन कैम्प लगाया था। बताया जा रहा है कि टीम के साथ गई ANM का ड्राइवर ग्रामीणों से दस दस रुपये मांग रहा था।  ड्राइवर ये पैसा वैक्सीन लगवाने वाले प्रत्येक ग्रामीण से पेट्रोल डीजल के नाम पर मांग रहा था। ड्राइवर की हरकत से ग्रामीण भड़क गए  और हंगामा करने लगे। वैक्सीनेशन कैम्प में हंगामे की खबर ग्राम प्रधान तक पहुंची तो वे मौके पर पहुंचे और पूरा मामला समझने के बाद उन्होएँ स्वास्थ्य विभाग के ड्राइवर की जमकर फटकार लगाईं और ग्रामीणों को उनके पैसे वापस दिलवाये।

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रमऊ गांव के प्रधान ने वसूली को बहुत शर्मनाक और गलत बताया उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध करा रहे हैं लेकिन इस तरह की हरकत कर स्वास्थ्य विभाग के कुछ लोग सरकार को बदनाम करने की कोशिश करते हैं।  उधर मामला कानपुर देहात सीएमएचओ तक पहुंचा है उन्होंने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि जो भी दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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