ITR filing last date : आईटीआर, फाइल करने में बस अब एक हफ्ते से भी कम का समय रह गया है. उधर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट भी टैक्सपेयर्स को कई बार रिमाइंडर दे चुका है। याद रहे कि ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2023 है। लेकिन इस बीच अगर कोई व्यक्ति किसी कारण के चलते डेडलाइन तक ITR फाइल करने से चूक जाता है, तो उसके लिए भी कुछ प्रावधान हैं. आइए जानते हैं कि अगर कोई समय रहते आईटीआर फाइल नहीं कर पाता है तो उस स्थिति में क्या करना चाहिए-
रिटर्न में देरी
आईटीआर फाइल करना देश के हर नागरिक खासकर टैक्सपेयर्स के लिए बहुत जरूरी है. इसके माध्यम से वह एक फाइनेंशियल ईयर में दिए गए एक्स्ट्रा टैक्स अमाउंट के रिफंड के लिए दावा कर सकते हैं. हर साल की तरह फाइनेंशियल ईयर 2022-2023 (असेसमेंट ईयर 2023-2024) के लिए भी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल किए जा रहे हैं, लेकिन इस दौरान अगर आईटीआर फाइल करने में चूक हो जाती है तो इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 234F के तहत लोगों के पास देर से रिटर्न फाइल करने का विकल्प उपलब्ध रहता है।
हालांकि, इसके लिए उन्हें जुर्माना भरना होगा। जो कि उस वित्तीय वर्ष में 5 लाख रुपये से अधिक आय के लिए 5,000 रुपये और 5 लाख रुपये से कम आय के लिए 1,000 रुपये है। इसके अलावा अगर टैक्सपेयर को टैक्स चुकाना है तो आखिरी तारीख बीत जाने के बाद आईटीआर दाखिल करने पर 1 फीसदी प्रति माह की दर से ब्याज लिया जाता है।
आपको बता दें कि अगर इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 139(4) के तहत देर से ITR फाइल किया जाता है, तो इसकी प्रक्रिया भी आईटीआर फाइल करने के समान बेहद आसान हो जाती है।
अपडेटेड रिटर्न फाइल करें
अगर कोई टैक्सपेयर आखिरी तारीख चूक गए हैं, तो उनके पास धारा 139(8A) के तहत अपडेटेड रिटर्न फाइल करने का विकल्प भी रहता है। इसे एक निर्धारिती को आय का रिटर्न दाखिल करने के लिए लंबी अवधि की अनुमति देने के लिए वित्त अधिनियम, 2022 के तहत लाया गया था। लेकिन अपडेटेड रिटर्न असेसमेंट ईयर के अंत से केवल 24 महीनों के भीतर ही कुछ शर्तों के साथ दाखिल किया जा सकता है।
इस दौरान अच्छी चीज यह है कि अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने वाले व्यक्ति पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाता है। लेकिन उन्हें आयकर अधिनियम की धारा 140बी के अनुसार अतिरिक्त कर का भुगतान करना होगा। साथ ही, उस अपडेटेड फॉर्म को संबंधित असेसमेंट ईयर के आईटीआर फॉर्म में जमा करना होगा जिसके लिए यह अपडेटेड रिटर्न दाखिल किया गया था। ऐसा आईटीआर फॉर्म आईटीआर-यू फॉर्म के साथ दाखिल किया जाता है।
आईटीआर फाइल न करने की स्थिति में क्या होगा
अगर इतने सारे विकल्प होने के बावजूद भी आईटीआर फाइल नहीं किया जाता है तो, जारी असेसमेंट ईयर के नुकसान को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा ऐसे टैक्सपेयर्स पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है, जो निर्धारित कर का न्यूनतम 50 प्रतिशत या अधिकतम 200 प्रतिशत हो सकता है। वहीं, अधिक मूल्य वाले मामलों में टैक्सपेयर को कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है।