ATM से कैश निकालना हुआ महंगा, RBI ने दी फीस बढ़ोत्तरी की अनुमति

Atul Saxena
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट।  ATM से बार बार कैश निकालने की आदत वाले लोगों को अब इसपर थोड़ा नाखुश लगना होगा वरना इसका असर  आपके बजट पर पड़ेगा क्योंकि अब ATM से कैश निकालना RBI ने महंगा कर दिया है।  RBI ने फ्री ट्रांजेक्शन के बाद के ट्रांजेक्शन पर फ़ीस बढ़ा दी है साथ ही इंटरचेंज चार्ज में बढ़ोत्तरी करने पर सहमति दे दी है। इस बढ़ोत्तरी का असर सीधे तौर पर ग्राहकों की जेब पर होगा।

अभी तक कस्टमर को उसके खाते वाले बैंक के ATM से एक महीने में 5 बार फ्री कैश निकालने की अनुमति है जबकि मेट्रो शहर में दूसरे बैंक के  ATM से 3 ट्रांजेक्शन फ्री हैं और नॉन मेट्रो शहर में दूसरे बैंक के ATM से 5 ट्रांजेक्शन फ्री हैं।इस फ्री ट्रांजेक्शन में कमर्शियल और नॉन कमर्शियल दोनों तरह के ट्रांजेक्शन शामिल हैं। यानि आप यदि आप नॉन मेट्रो शहर में रहते हैं तो आप महीने में केवल 10 बार फ्री कैश निकाल सकते हैं।

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फ्री ट्रांजेक्शन के बाद अब देने होंगे 21 रुपये 

लेकिन ध्यान रखिये यदि आप फ्री ट्रांजेक्शन लिमिट को क्रास करते हैं यानि 5 बार से अधिक ATM से कैश निकालते हैं तो आपको 21 रुपये चार्ज देना होगा। पहले ये चार्ज 20 रुपये था जिसमें RBI ने 1 रुपये बढ़ाकर 21 रुपये कर दिया है। RBI द्वारा जारी सर्कुलर के मुताबिक ग्राहकों पर ये फ़ीस वृद्धि 1 जनवरी 2022 से लागू होगी।

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ATM इंटरचेंज फ़ीस भी बढ़ाई 

RBI ने फ्री ट्रांजेक्शन के बाद कैश निकलने पर फीस बढ़ने के साथ साथ ATM इंटरचेंज फ़ीस में भी बढ़ोत्तरी को मंजूरी दे दी।  RBI ने कमर्शियल लेन देन ATM इंटरचेंज फ़ीस को बढाकर 15 रुपये की जगह 17 रुपये और और नॉन कमर्शियल लेन देन के लिए 5 रुपये से बढ़ाकर 6 रुपये कर दिया है।  ये नए चार्जेज 1 अगस्त 2021 से लागू होंगे।

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ये होती है ATM इंटरचेंज फीस 

जब किसी बैन का ग्राहक किसी दूसरे बैंक के ATM से ट्रांजेक्शन करता है तो तब कार्ड जारी करने वाला बैंक ATM ऑपरेटर को  एक फ़ीस चुकता है जिसे इंटरचेंज फीस कहते हैं ।  ATM ऑपरेटर इसे बढ़ाने के लिए लम्बे समय से मांग कर रहे हैं अब RBI ने 9 साल बाद बैंकों की सहमति के बाद फीस वृद्धि को मंजूरी दे दी है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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