कलयुग का प्रेम: पहले फसाया प्यार में, फिर अपहरण कर मांगी 7 लाख की फिरौती

Gaurav Sharma
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धार,डेस्क रिपोर्ट। ये इश्क नहीं आसां बस इतना समझ लिजिए इक आग का दरिया है और डूब के जाना है….पर क्या हो जब वहीं प्यार जिसके लिए आप आग का दरिया पार करने के लिए तैयार है , वो आपको बंधी बनाकर अपसे 7 लाख रुपए की फिरौती वसूलने की चाहत रखने लगे। जी हां एक ऐसा ही मामला धार से सामने आया है, जहां एक लड़की ने एक युवक को अपने प्यार के जाल में फंसा कर उसे बंधक बना कर 7 लाख रुपए की फिरौती वसूल करने की साजिश की। बंधक बने युवक ने अपनी जान बचाने के लिए अपने परिजनों से 7 लाख रुपए की मांग की लेकिन इसी बीच पुलिस ने मौके पर दबिश देकर युवक को बचा लिया और युवती का प्लान फेल कर दिया।

दरअसल इंदौर की रहने वाली युवती मोनिका ने रतलाम के बिल पार्क निवासी बंसीलाल पाटीदार को पहले अपने प्यार के जाल में फंसाया। जैसे ही युवती को पूरी तरह से विश्वास हो गया कि युवक उसके प्यार के जाल में फस गया है और वो उस पर आंख मूंदकर भरोसा करने लगा है, तो युवती ने उसी का फायदा उठाकर युवक को अपने साथियों के साथ मिल कर बंधक बना लिया और उसके साथ मारपीट की।

युवक को बंधक बनाकर और उसके साथ मारपीट करने के बाद अपराधियों ने उसे छोड़ने की एवज में 7 लाख रुपए की फिरौती मांगी, जिसके बाद घबराय युवक ने अपनी बुआ के बेटे को फोन किया और उससे 7 लाख रुपए की फिरौती लेकर धार के घोड़ा चौपाटी इलाके में आने को कहा। साथ ही युवक ने अपने भाई से कहा कि पुलिस को इस बारे में कोई सूचना ना दी जाए।

वहीं युवक का भाई 7 लाख रुपए लेकर मौका स्थल पर तो पहुंचा लेकिन साथ ही उसने पुलिस को इसके बारे में सूचना दे दी थी। धार के एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एक टीम गठित कर उसे तुरंत ही कार्रवाई करने के लिए मौका स्थल पर पहुंचाया। पुलिस ने मौका स्थल पर पहुंच कर कार्रवाई को अंजाम देते हुए बदमाशों को धर दबोच लिया।

पुलिस ने बदमाशों से 7 लाख रुपए की फिरौती, एक मोटरसाइकिल, दो देसी पिस्टल, तीन मोबाइल फोन, तीन जिंदा कारतूस कुल 9 लाख रुपए का सामान जब्त किया है। वहीं पकड़े गए बदमाशों से पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि उन्होंने युवती मोनिका और उसके अन्य साथियों के कहने पर इस वारदात को अंजाम दिया था। जिसके बाद से पुलिस फरार चल रही युवती और अन्य बदमाशों की तलाश में जुट गई है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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