कोचिंग संचालकों ने फिर से संस्थान खोलने की रखी मांग, कलेक्टर ने दिया ये आश्वासन

Gaurav Sharma
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना महामारी (Corona Epidemic)  के चलते सभी क्षेत्र प्रभावित हुए है। जिसमें शैक्षणिक सत्र (Education Sector) पर इसका असर (Impact) अधिक देखा जा रहा है, जिसके चलते प्राइमरी स्कूल (School) से लेकर कॉलेज (College) तक के विद्यार्थियों को परेशान होना पड़ रहा है। वहीं इस बीच प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी (Preparation of Competitive Exam) कर रहे छात्रों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही कोचिंग संस्थान (Coaching institute) चलाने वाले सैकड़ों लोगों का रोजगार भी दांव पर लगा हुआ है। जिसे देखते हुए आज यानि 10 दिसंबर को भोपाल कोचिंग एसोसिएशन (Bhopal Coaching Association) के पदाधिकारियों ने भाजपा प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी (BJP spokesperson Durgesh Keswani) के नेतृत्व में भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया से मुलाकात की और अपनी समस्याओं से संबंधित ज्ञापन सौंपा है।

कलेक्टर ने दिया आश्वासन

कोरोना वायरस के चलते मार्च से भोपाल शहर में सभी कोचिंग और शैक्षणिक संस्थान बंद है। जिसके चलते प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं का भविष्य दांव में दिख रहा है। बीजेपी प्रवक्ता केसरवानी के नेतृत्व में कोचिंग संचालक प्रिंस पंजाबी, राहुल गुप्ता, मृदुल गुप्ता और अरविंद नेमा ने भोपाल कलेक्टर को अपनी समस्याओं से अवगत कराया। इस दौरान कलेक्टर कोचिंग संचालकों की बात को ध्यान से सुना और उनकी मांगों पर आवश्यक रुप से विचार करने का आश्वासन दिया।

कोचिंग करने वाले छात्रों में जगी नई उम्मीद

इस दौरान कोरोना महामारी को देखते हुए कोचिंग खोलने से पहले गाइडलाइन और एडवाइजरी जारी करने की भी बात कही है। जिसके बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को राहत मिली है, साथ ही एक नई उम्मीद भी जगी है। कलेक्टर के आश्वासन के बाद कोचिंग संस्थान और उससे संबंधित कार्य करने वाले लोगों को भी एक आशा की किरण दिख रही है। जिसके बाद सभी ने राहत भरी सांस ली है।

लंबे समय से चल रही है मांग

कोरोना वायरस के चलते बीते मार्च से सभी शैक्षणिक संस्थान बंद है, जिसे लेकर लगातार कोचिंग संस्थान आदि को खोले जाने की मांग की जा रही है। जिसे लेकर लगातार कोचिंग और निजी स्कूल संचालक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों से अवगत करा रहे है। इसी कड़ी में भोपाल कोचिंग एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने एक बार फिर से कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए अपनी समस्याओं से अवगत कराया है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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