कमलनाथ को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना चाहिए, अरुण यादव बीजेपी में जा सकते है – शेरा भैया

Gaurav Sharma
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इंदौर, आकाश धोलपुरे

मध्यप्रदेश की सियासत से कमलनाथ की रवानगी के लिए अब निर्दलीय विधायक शेरा भैया ने इंदौर अपने ही अंदाज में एक ऐसा बयान जारी किया है जो प्रदेश की सियासत में राजनीति का नया रंग भरने को तैयार है।

दरअसल, राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस की कमान को छोड़ने को लिए बड़े नेताओं को पत्र लिख चुकी सोनिया गांधी के बाद कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा इसको लेकर बड़ी बहस छिड़ी हुई है और इसी को विराम देने के लिए मध्यप्रदेश के बुरहानपुर से निर्दलीय विधायक शेरा भैया ने इंदौर में एक बड़ा बयान दिया है।

उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी को संभालने के लिए कमलनाथ से अच्छा व्यक्तित्व नहीं मिलेगा। उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर कहा कि उनमे क्षमता बहुत है और सबको साथ लेकर चलने की उनकी सोच है, उससे कांग्रेस को मजबूती मिलेगी।

उन्होंने कहा कि सभी जानते है कि गांधी परिवार से कोई इंटरेस्ट नहीं दिखा रहा है अध्यक्ष पद के लिए तो नॉन गांधी परिवार से कमलनाथ से अच्छा इंसान ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी को मिलेगा । शेरा भैया ने इंदौर में ये भी कहा कि मैं शिवराज सरकार में पूरी तरह ईमानदारी के साथ काम कर रहा हूं।

खंडवा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मानधाता विधानसभा में सक्रियता पर पूछे गए सवाल पर बुरहानपुर विधायक शेरा भैया ने कहा कि यदि कांग्रेस पार्टी वहां से कोई अच्छा उम्मीदवार नहीं उतारेगी, तो जनता की डिमांड पर वो लड़ेंगे। उन्होंने जिस तरह से बुरहानपुर से मुझे लोगों ने लड़ाया था, उसी तरह से मनधाता से लोग डिमांड कर रहे है और लोग चाहते है कि हमारे परिवार से कोई वहां से लड़े और मैं चाहता हूं कि वहां से मेरी वाइफ या परिवार का कोई सदस्य निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ेगा।

वही उन्होंने कहा कि मनधाता में चुनाव की नौबत पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव के कारण ही आई है। क्योंकि उन्ही की वजह से वहां से कांग्रेस से उनके व्यक्ति को लड़ाया गया और बाद में वो बीजेपी में चले गये है। शेरा भैया ने अरुण यादव के साथ ही 3 – 4 विधायकों के बीजेपी में जाने की बात भी कही है और कहा है कि अरुण यादव भी बीजेपी में शामिल होंगे। वहीं उन्होंने ये भी कहा कि कौन सी पार्टी से उनके परिवार के सदस्य चुनाव लड़ेंगे ये साफ नहीं है, लेकिन जनता की इच्छा है तो हम वहां निर्दलयी भी चुनाव लड़ सकते हैं।

वही ज्योतिरादित्य सिंधिया से अच्छे संबंध होने की बात भी निर्दलयी विधायक ने कहा की आज तारीख के सिंधिया जी और शिवराज जी की टीम मध्यप्रदेश में है और इसके चलते मध्यप्रदेश को विकास के नजरिये से देखा जा रहा है। वही उन्होंने कहा कि वो स्वयं न तो बीजेपी में जा सकते और ना कांग्रेस में क्योंकि वो निर्दलयी विधायक है और अगर मैं कोई पार्टी में चला जाता हूं तो दल बदल कानून के तहत मेरी विधायकी ही चली जायेगी इसलिए 3 साल मैं सरकार के साथ काम कर रहा हूं।

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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