नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट
मोदी सरकार ( Modi Government) देश में रिटायर होने वाले सरकारी कर्मचारियों (Government employee) के लिए एक नई सौगात लेकर आई है। कोरोना वायरस के चलते रिटायर होने वाले कर्मचारियों की पेंशन प्रक्रिया (Pension Process) शुरु होने में भले ही देर हो रही हो पर उन्हे जल्द ही रिटायरमेंट (Retirement) का आंशिक लाभ मिलने जा रहा है।
जुलाई 2020 में कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अधीनस्थ पेंशन और पेंशनर्स कल्याण विभाग की ओर से कोरोना काल में सीसीएस (पेंशन) अधिनियम-1972 के नियम 64 के तहत रिटायर होने वाले सरकारी कर्मचारियों को आंशिक लाभ देने को लेकर एक ऑफिस मेमोरेंडम (कार्यालय ज्ञापन) जारी किया गया है.
ज्ञापन इस बात का जिक्र किया गया है कि सरकारी कर्मचारी को अपने पेंशन फॉर्म (फॉर्म 5, फॉर्म 3, आदि) को अपने कार्यालय प्रमुख (हेड ऑफ डिपार्टमेंट) के पास जमा करने में कठिनाई हो सकती है या कार्यालय प्रमुख पेंशन से संबंधित वेतन और लेखा कार्यालय को समय पर सेवा पुस्तिका की हार्ड कॉपी में दावा प्रपत्र को अग्रसारित करने में असमर्थ हो सकता है. खासकर तब जब दोनों कार्यालय अलग-अलग शहरों में हों या फिर ऐसे मामले भी हो सकते हैं, जहां वेतन और लेखा कार्यालय सरकारी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति से पहले पेंशन के प्राधिकरण के लिए मामले को संसाधित करने में सक्षम नहीं है.
नियम 64 के प्रावधानों में परिवर्तन करने की बात को लेकर जारी ज्ञापन में निर्देश दिया गया है कि कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से कार्यालयों में काम प्रभावित होने तक लागू रहेंगे। स्थिति सामान्य होने के बाद विभाग द्वारा निर्देशों की समीक्षा की जाएगी। सीसीएस (पेंशन) नियम, 1972 के नियम 64 के प्रावधान तब तक के लिए प्रभावी नहीं रहेंगे.
सीसीएस पेंशन अधिनियम-1972 के नियम 64 के हिसाब से उन मामलों में अनंतिम पेंशन और अनंतिम ग्रेच्युटी को मंजूरी देने का प्रावधान है जिसमें जब एक सरकारी कर्मचारी अपनी पेंशन और ग्रेच्युटी को अंतिम रूप देने से पहले रिटायर हो जाता है। यह आदेश इस बात को भी सुनिश्चित करता है कि पेंशन लाभ निर्धारित होने के बाद और कर्मचारी के रिटायर होने के बाद उसे समय पर पेंशन और रिटायरमेंट ग्रेच्यूटी का लाभ देने के लिए कार्यालय प्रमुख कार्यालय में मौजूद रिकॉर्ड के आधार पर सरकारी कर्मचारी को आंशिक पेंशन और आंशिक ग्रेच्यूटी का लाभ देने की मंजूरी देने की कार्रवाई कर सकते हैं.
साथ ही उन परिस्थितियों में भी आंशिक पेंशन और ग्रेच्यूटी को मंजूरी दी जा सकती है जब रिटायर होने वाला कर्मचारी किसी वजह से अपना पेंशन दावा फॉर्म जमा कराने में सक्षम नहीं हो पाता है. ऐसे मामलों में, जब कर्मचारी के सेवाकाल को सत्यापित करना संभव नहीं है, तो रिटायमेंट की तारीख के पहले उसके द्वारा दी गयी सेवा को आगे बढ़ाते हुए आंशिक ग्रेच्यूटी को मंजूरी दी जा सकती है।
वहीं ज्ञापन में ये भी कहा गया है कि वेतन और लेखा कार्यालय प्रमुख द्वारा अग्रसारित अंतिम परिलब्धियों और अर्हकारी सेवाकाल के विवरण के आधार पर मामले पर विचार कर आंशिक पेंशन और आंशिक ग्रेच्युटी को उसी तरह से जारी चाहिए जैसे कि स्थापना के समय वेतन और भत्ते का भुगतान किया जाता रहा है. वहीं वेतन और लेखा कार्यालय आंशिक पेंशन और ग्रेच्युटी को जारी करने की स्थिति में सेवा पुस्तिका सहित मामले के पूरे दस्तावेजों के लिए कार्यालय प्रमुख पर जोर नहीं डालेगा।
जहां आंशिक पेंशन की राशि बाद में अंतिम पेंशन की राशिस से अधिक पाई जाती है तो ऐसे मामलों में भी पेंशन की अतिरिक्त राशि को सीसीएस अधिनियम-1972 के नियम 64 में बताए गए तरीके से समायोजित किए जा सकते है। बता दें कि स्वीकृत आंशिक पेंशन का भुगतान शुरूआत में सेवानिवृत्ति की तारीख से छह महीने से ज्यादा की अवधि के लिए जारी किया जाता है. पीएओ की सहमति और विभाग के प्रमुख द्वारा अनुमोदन के बाद अनंतिम मामलों में आंशिक पेंशन की अवधि आगे बढ़ायी भी जा सकती है. हालांकि, आंशिक पेंशन की कुल अवधि किसी भी स्थिति में सेवानिवृत्ति की तारीख से एक साल से अधिक के लिए नहीं होगी.