आचार्य श्री विद्यासागर जी ने कहा- भारतीय संस्कृति से जुड़ें युवा  

Atul Saxena
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देवास, सोमेश उपाध्याय।  देश के सबसे बड़े दिगम्बर जैनाचार्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज (Acharya Shri Vidyasagar Ji Maharaj) इंदौर से नेमावर की तरफ विहार के दौरान बागली पहुँचे। यहां उन्होंने ग्राम अमरपुरा (Amarpura) में रात्रि विश्राम किया।इस दौरान आचार्यश्री ने अपने व्यस्ततम समय में से कुछ समय निकाल कर एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ ( MP Breaking News) से चर्चा की। हमारे संवाददाता सोमेश उपाध्याय से आचार्य श्री से विभिन्न सम समसायिक मुद्दों पर चर्चा की।

आचार्य श्री ने कोरोना काल (Corona era) में बदली जीवनचर्या और लोगों में बढ़ती निराशा  के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि व्यक्ति को कोरोना काल में समय का पूरा सदुपयोग करे। सात्विक व संयमित जीवन यापन करना  चाहिए, उन्होंने कहा कि योग्य औषधि का उपयोग करना चाहिए, अपने समय को गंवाना नहीं  चाहिए। आचार्य श्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के मामले में अन्य देशों की अपेक्षा भारत की स्थिति अच्छी है, ये संतोष जनक बात है।  युवाओं  में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति के सवाल पर आचार्य श्री ने कहा कि हम अपनी संस्कृति से दूर हो गए हैं इसलिए ऐसी प्रवत्ति बढ़ने लगी है। उन्होंने कहा कि हमें भारतीय संस्कृति के अनुसार ही अपने कार्य करते रहना चाहिए।

आचार्य श्री ने कहा कि भारतीय उद्यम से कभी भी डरते नही, लेकिन आज कल के युवा प्रायः उद्यम से डरते हैं और मुफ्त में कार्य हो जाए ऐसा सोचने लगे हैं। इसलिए युवाओं को भारतीय संस्कृति से जुड़ना चाहिए। आचार्य श्री ने कहा कि हमें अपनी सस्कृति पर गर्व होना चाहिए और  इसे ही अपनाना  चाहिए और  पाश्चात्य संस्कृति पर बढ़ रहे झुकाव को रोकना चाहिए। आचार्य श्री के विहार  की सूचना पर जैन समाज के लोगों के आलावा प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने भी आचार्य से भेंट कर उनका आशीर्वाद लिया।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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