धर्म, डेस्क रिपोर्ट। फिल्मी गीत सूर्य (Sun) और पृथ्वी (Earth) के अनोखे रिश्ते को बताता सा लगता है। दहकता सूर्य जब जुलाई माह में पृथ्वी से दूर चले जाता है तब उत्तर भूभाग ठंडा नहीं होता बल्कि तप रहा होता है और जनवरी माह में जब पृथ्वी के पास होता है तब उत्तरी भू भाग में गर्मी नहीं बल्कि ठंड पड़ रही होती है । यही कारण है कि मंगलवार 6 जुलाई 2021 को सूरज जब पृथ्वी से साल की सबसे अधिक दूरी पर आ रहा है।
नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू (National Award winning science broadcaster Sarika Gharu) ने बताया कि मंगलवार 6 जुलाई को सूरज जब पृथ्वी से साल की सबसे अधिक दूरी पर आ रहा है तब विगत सप्ताह भट्टी सी दहकती दिल्ली (Delhi) और देश के उत्तरी भाग में गर्मी ने पिछले 90 साल का रिकार्ड तोड़ा है। अगर सूरज पास होता तो क्या होता।
सारिका ने मॉडल की मदद से बताया कि सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती पृथ्वी गोलाकार पथ में नहीं घूमती बल्कि यह अंडाकार पथ में चक्कर लगाती है। साल में एक बार यह सबसे दूर होती है इसे अफीलियन कहते है। यह घटना जुलाई के पहले सप्ताह में होती है। इस साल यह मंगलवार 6 जुलाई को हो रही है। इस दिन हमारी पृथ्वी सूर्य से दूर जाते हुये 152,100,527 किमी की दूरी रहेगी जो कि साल की सबसे अधिक दूर का बिंदु है।
सारिका ने बताया कि इसके साथ ही साल में एक बार यह सूरज के सबसे पास होती है इसे पेरीहिलियन कहते हैं। यह घटना जनवरी के प्रथम सप्ताह में होती है। इस साल 2 जनवरी को हम सूर्य के सबसे नजदीक थे। मौसम में गर्मी या ठंड का होना पृथ्वी के अपने अक्ष पर झुके होकर घूमने के कारण होता है। झुकाव के कारण किसी समय पृथ्वी के जिस भाग पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ रही होती है वहांगर्मी पड़ती है और जहां किरणें तिरछी पड़ती हैं वहां ठंड महसूस होती है। इसके साथ ही वायु दाब , रेगिस्तान से आने वालीहवायें आदि तापमान को प्रभावित करते हैं।
यह देखें पूरी जानकारी
वर्ष – 2021
अफेलियन – 6 जुलाई 2021
दूरी- 152,100,527 किमी
पेरीहेलियन – 2 जनवरी 2021
दूरी – 147,093163 किमी
वर्ष -2022
अफेलियन- 4 जुलाई 2022
दूरी- 152,098,455 किमी
पेरीहेलियन- 4 जनवरी 2022
दूरी -147,105,052 किमी ।
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Pooja Khodani
खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते।
"कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ।
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मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ।
इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।।
दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ।
झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।"
(पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)