Gajkesari Rajyog 2024: ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों में चंद्रमा को सबसे तेज गति से चलने वाला ग्रह माना जाता हैं, क्योंकि चंद्रमा हर ढाई दिन में राशि परिवर्तन करते रहते हैं. ऐसे में किसी न किसी ग्रह के साथ युति होती है, जिससे योग-राजयोग का निर्माण होता है।इसी क्रम में 14 जून को चन्द्रमा कन्या राशि में प्रवेश करेंगे और 16 जून तक इसी राशि में रहेंगे। वही गुरु की उस राशि पर पंचम दृष्टि पड़ेगी, ऐसे में गुरू चन्द्रमा की युति से गजकेसरी योग का निर्माण होगा, जो 3 राशि के जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है। वर्तमान में गुरू वृषभ राशि में विराजमान है।
3 राशियों के लिए लकी साबित होगा गजकेसरी राजयोग
कर्क राशि : गुरू चन्द्रमा की युति और गजकेसरी राजयोग का बनना जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है। जातकों को भाग्य का पूरा साथ मिलेगा।उच्च शिक्षा पाने के लिए विदेश में जाने का मौका मिल सकता है।अटके रुके कामों को गति मिलेगी। कार्यों में सफलता मिलेगी। करियर में नए अवसर मिलेंगे। इस अवधि में ऑनलाइन बिजनेस शुरू कर सकते है।। टूर ट्रेवल, मार्केटिंग से संबंधित क्षेत्रों में अच्छी सफलता मिलने के योग है। तीर्थयात्रा पर जा सकते है।
मिथुन राशि : गुरू चन्द्रमा की युति और गजकेसरी राजयोग जातकों के लिए वरदान से कम साबित नहीं होगा। भौतिक सुख-सुविधाओं का लाभ मिलेगा। मानसिक तनाव से मुक्ति मिल सकती है। वाहन, संपत्ति या घर खरीदने के प्रबल योग है। संतान की ओर से कोई गुड न्यूज मिल सकती है। करियर में नए अवसर मिल सकते है। भाग्य का साथ मिलेगा। कामों में सफलता पाएंगे।अगर कोई वाद-विवाद कोर्ट-कचहरी में चल रहा है तो उसमें जीत मिलेगी। करियर के लिहाज से आने वाला समय बहुत अच्छा साबित होगा।
धनु राशि : गुरू चन्द्रमा का आर्शावाद मिलेगा। गजकेसरी योग लाभकारी सिद्ध हो सकता है। भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी। नौकरीपेशा को पदोन्नति और वेतनवृद्धि का लाभ मिल सकता है। करियर में सफलता हासिल होगी। समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। धन लाभ हो सकता है। कोई सरकारी योजना से आपको लाभ मिल सकता है। व्यापार के लिए समय उत्तम रहेगा, मुनाफे के साथ धनलाभ के प्रबल योग बनेंगे।
कुंडली में कब बनता है गजकेसरी राजयोग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गजकेसरी योग मतलब हाथी के ऊपर सवार सिंह। इस योग में चंद्रमा की युति गुरु, बुध और शुक्र के साथ होती है। अगर चंद्रमा गुरु, बुध और शुक्र में से किसी एक से भी केंद्र में हो तो गजकेसरी योग का निर्माण जातक की कुंडली में होता है या अगर किसी जातक की कुंडली के लग्न,चौथे और दसवें भाव में गुरु-चंद्र साथ हो तो इस योग का निर्माण होता है। चंद्र या गुरु में से कोई भी एक दूसरे के साथ उच्च राशि में हो तो भी यह योग बनता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)