Gem Astrology: ग्रह नक्षत्र व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर करने का काम करते हैं। ग्रह नक्षत्र की स्थिति अगर अनुकूल हो तो व्यक्ति को अच्छे परिणाम मिलते हैं। वहीं अगर इनकी स्थिति में कोई बदलाव आता है तो व्यक्ति बुरे परिणामों का सामना करता है। ग्रह नक्षत्र की स्थिति को अशुभ से शुभ मनाने के लिए रत्न शास्त्र में कुछ रत्नों का उल्लेख दिया गया है।
रत्न शास्त्र ज्योतिष की एक महत्वपूर्ण शाखा है जिसमें नौ रतन और 84 उपरत्न का उल्लेख दिया गया है। यह रत्न 9 ग्रहों से जुड़े हुए हैं और व्यक्ति के जीवन में ग्रहों की स्थिति अनुकूल बनाने का काम करते हैं। किसी भी व्यक्ति को कोई भी रत्न मन से नहीं पहनना चाहिए। व्यक्ति को हमेशा ज्योतिष की सलाह लेने के बाद ही रत्न धारण करना चाहिए। आज हम आपको गोमेद के फायदे के बारे में बताते हैं।
लाभदायक है गोमेद
गोमेद एक ऐसा रत्न है जिसका संबंध राहु से है। यह कई अलग-अलग रंगों में आता है। लेकिन असली गोमेद मटमैला पीला होता है। चलिए आपको बताते हैं कि इसे पहनने से क्या फायदे होते हैं।
राहु का प्रभाव
गोमेद पहनने से व्यक्ति की कुंडली में अगर राहु का बुरा प्रभाव है तो वह कम हो जाता है। लेकिन इसे धारण करने से पहले कुंडली में राहु की स्थिति देख लेना अच्छा रहता है।
कालसर्प दोष
जो लोग कालसर्प दोष से परेशान हैं, उनके लिए यह रत्न काफी फायदेमंद है। गोमेद पहनने से यह दोष धीरे-धीरे कम होने लगता है और व्यक्ति को इससे छुटकारा मिल जाता है।
दूर होगी परेशानी
अगर आपका कोई काम बार-बार रुक रहा है या आपको सफलता नहीं मिल पा रही है। तो यह काफी लाभदायक साबित होगा। जो लोग बीमारियों से परेशान रहते हैं वह गोमेद धारण कर सकते हैं।
राजनीति और व्यापार
जो लोग राजनीति के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं और जनता के लिए काम करते हैं। उनके लिए यह शुभ माना गया है। इसके अलावा जो दलाली से संबंधित व्यापार करते हैं उनके लिए भी यह शुभ होता है।
खत्म होगा डर
ऐसे लोग जिन्हें किसी चीज का डर होता है। जिनके मन में भय और आशंका की स्थिति उत्पन्न होती रहती है। उनके लिए यह काफी लाभदायक है। इसे पहनने से किसी भी काम को करने की शक्ति सिख और आत्मविश्वास बढ़ जाता है।
कब धारण करना लाभदायक
जब व्यक्ति की कुंडली में राहु की महादशा चल रही होती है। उस समय गोमेद धारण करने से काफी लाभ होता है। सामान्य तौर पर इसे शनिवार के दिन धारण करना शुभ माना गया है। शुक्रवार को इस गंगाजल दूध और शहद में डूबा कर रख दें। अगली सुबह राहु मंत्र का जाप का इसे धारण कर लें। यह कनिष्ठा उंगली में पहनना शुभ माना जाता है।
डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।