Bhadrapada Purnima 2024: हिंदू धर्म में भाद्रपद पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। पितृपक्ष की शुरुआत हो जाती है। भगवान सत्यनारायण, लक्ष्मी-नारायण और चंद्र देव की पूजा आराधना की जाती है। उमा-महेश्वर का व्रत भी रखा जाता है। इस साल 18 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा मनाई जाएगी।
भादो पूर्णिमा पर कई दुर्लभ संयोग भी बन रहे हैं। चंद्र ग्रहण लगने वाला है। पूर्णिमा तिथि का आरंभ 17 सितंबर सुबह 11:44 बजे होगा। वहीं इसका समापन 18 सितंबर सुबह 8:04 बजे होगा। 18 सितंबर को उदय व्यापीनी पूर्णिमा है।
भाद्रपद पूर्णिमा मुहूर्त (Bhadrapada Purnima Muhurat)
- सुबह 6:08 बजे सूर्योदय
- शाम 6:22 बजे सूर्यास्त
- शाम 6:37 बजे चंद्र उदय
- सुबह 4:34 से लेकर 5:21 तक ब्रह्म मुहूर्त (दान के लिए शुभ)
- लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त रात 11:52 बजे से सुबह 12:39 बजे तक
- सत्यनारायण पूजा का मुहूर्त सुबह 9:11 बजे से दोपहर 01:37 बजे तक
जरूर करें ये काम (Bhadrapada Purnima Remedies)
- भाद्रपद पूर्णिमा के दिन पीपल वृक्ष की पूजा करना अत्यंत ही शुभ माना जाता है। मान्यताएं हैं कि इस पेड़ पर मां लक्ष्मी का वास होता है। इस वृक्ष की पूजा करने से पूर्वजों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
- भादो पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसा करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं। विवाह में आ रही बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
- इस दान दक्षिणा का महत्व बढ़ जाता है। शाम के समय नदी में दीपदान जरूर करें। ऐसा करने से जीवन में खुशहाली आती है।
- भादो पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की एक साथ पूजा करें। ऐसा करने से धन से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। वैवाहिक जीवन भी सुखमय होता है।
- पूर्णिमा के दिन पंचबली कर्म और श्राद्ध करना चाहिए। इस दिन कौवे, कुत्ते, गाय और चींटी को अन्न और जल अर्पित करें। ब्राह्मणों को भोजन करवाएं।
(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है, जो पंचांग, ग्रंथों, मान्यताओं और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। MP Breaking News इन बातों के सत्यता और सटीकता की पुष्टि नहीं करता।)