स्वच्छता भक्ति: 100 किलोमीटर दूर से डॉक्टर हनुमान मंदिर की सफाई करने आता है युवाओं का दल

भिण्ड, गणेश भारद्वाज।  स्वच्छता दूत, स्वच्छताकर्मी ये शब्द सुने होंगे लेकिन आज आपको स्वच्छता भक्ति शब्द से परिचित कराते हैं। रामचरित्र मानस में गोस्वामी तुलसीदास ने एक चौपाई लिखी है कि ‘राम काज कीजे बिना मोहि कहां विश्राम”,  ऐसा ही कुछ राम काज कहें या हनुमान काज करने के लिए 1 सैकड़ा से अधिक युवा हर महीने अंचल के डॉक्टर हनुमान के नाम से प्रसिद्ध धार्मिक स्थल दंदरौआ धाम पहुंचते हैं। पिछले 5 वर्षों से अधिक समय से घिरोना सरकार सेवा समिति मुरैना के ये युवा हर महीने डॉक्टर हनुमान के दर्शनों के लिए आते हैं और यहां न केवल दर्शन करते हैं बल्कि यहां के पूरे परिसर की साफ सफाई भी करते हैं।

पिछले दिनों जब एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ के संवाददाता दंदरौआ धाम डॉक्टर हनुमान के दर्शनों को पहुंचे तो यहां पर अनेक युवा अनेक समूहों में मंदिर परिसर की साफ सफाई करते दिखाई दिए। कोई अपने हाथों में पानी की पाइप लिए था तो कोई झाड़ू और कोई बाइपर। करीब 1 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैले इस मंदिर परिसर यह युवक साफ सफाई करते हुए दिखाई दिए। इन युवाओं से जब हमारे संवाददाता ने बात की तो उन्होंने बताया कि हम पिछले 5 वर्षों से लगातार हर महीने मंदिर परिसर की साफ सफाई करने के लिए मुरैना से दंदरौआ धाम आते हैं।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....