Hartalika Teej 2023: साल में दो तीज भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होते हैं, जिसमें हरियाली तीज और हरतालिका तीज शामिल हैं। हरियाली तीज 19 अगस्त को मनाया गया था। अब बारी हरतालिका तीज की है। हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि पर हरतालिका तीज का व्रत पड़ता है, इस बार 18 सितंबर व्रत रखा जाएगा। सुहागिन महिलाओं के लिए इस व्रत का विशेष महत्व होता है। मान्यताएं हैं कि इस दिन व्रत रखने और विधि विधान के साथ पूजा करने से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। पति की आयु लंबी होती है। वहीं कुंवारी कन्याओं को व्रत से मनचाहा वर मिलता है।
शुभ योग और नक्षत्र
17 सितंबर, रविवार सुबह 11:08 बजे तृतीया तिथि का आरंभ होगा। इसका समापन 18 सितंबर दोपहर 12:39 बजे होगा। उदया तिथि के अनुसार 18 सितंबर को व्रत करना शुभ होगा। इस बार हरतालिका तीज पर ग्रह-नक्षत्रों का अद्भुत संयोग बन रहा है। रवि और इन्द्र योग में पूजा होगी। साथ ही चित्रा और स्वाती नक्षत्र का निर्माण हो रहा है।
ऐसे करें पूजा
- सुहागिन महिलायें/कुंवारी कन्याएं इस दिन सुबह जल्द उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजास्थल पर शुभ मुहूर्त में घी का दीपक जलाकर व्रत का संकल्प लें।
- भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की मिट्टी से बनी प्रतिमा या तस्वीर को चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर स्थापित करें।
- अब पूजा का आरंभ करें। भोग लगाएं। पुष्प अर्पित करें और व्रत कथा का पाठ करें।
- आरती के साथ पूजा का अंत करें।
इन मंत्रों का जाप करें
- माता पार्वती के लिए- ॐ उमायै नमः
- भोलेनाथ की उपासना के समय- ॐ नमः शिवाय
(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल समान्य जानकारी साझा करना है। MP Breaking News इन बातों की पुष्टि नहीं करता। विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें।)