Bhadrapada Purnima 2024 : इस साल हिंदू धर्म में 17 सितंबर का दिन बेहद खास है, क्योंकि इस दिन विश्वकर्मा पूजा, अनंत चतुर्दशी सहित भाद्रपद पूर्णिमा मनाई जाएगी। ज्योतिष के अनुसार, सनातन धर्म में पूर्णिमा का बहुत अधिक महत्व होता है जो कि काफी ज्यादा शुभ माना जाता है। इस दिन लोग नदी, तालाब में स्नान करते हैं। मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से उनके सारे पाप धुल जाते हैं और मृत्यु के बाद उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि यह तिथि देवों की अति प्रिय तिथि होती है। बता दें कि यह भगवान विष्णु और चंद्र देव को समर्पित है। इस खास मौके पर लोग भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने के साथ-साथ चंद्र देव की भी विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं।
हर महीने आती है पूर्णिमा तिथि
जैसा कि हम सभी जानते हैं हर महीने पूर्णिमा आती है, जिसे लोग फुल मून के नाम से भी जानते हैं। फिलहाल, भाद्रपद का महीना चल रहा है, इसलिए इस मंथ की पूर्णिमा को भाद्रपद पूर्णिमा कहा जाता है। यह पूर्णिमा तिथि पितृ पक्ष शुरू होने के 1 दिन पहले आता है। ऐसा कहा जाता है कि पूर्णिमा पर चंद्र देवता 16 कलाओं में रहते हैं, जिस कारण चांद की रोशनी पूरे पृथ्वी पर पड़ती है। इस दिन लोग दान करना भी पुण्य का काम मानते हैं। कुछ लोग इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा भी सुनते हैं।
शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल भाद्रपद पूर्णिमा 17 सितंबर को सुबह 11:44 पर शुरू होगी, जिसका समापन 18 सितंबर को सुबह 8:04 पर होगा। ऐसे में जो लोग व्रत रखना चाहते हैं वह 17 सितंबर को रख सकते हैं। इसके अलावा, नदी में स्नान करने का शुभ मुहूर्त सुबह 4:33 से लेकर 5:20 तक रहेगा। वहीं, सतनारायण भगवान की पूजा का शुभ समय सुबह 9:11 से दोपहर 1:37 तक रहेगा, जबकि शाम 6:03 से चंद्र देव की पूजा की जा सकेगी।
बन रहे अद्भुत संयोग
इसके अलावा, इस बार का भाद्रपद पूर्णिमा बेहद खास होने वाला है। दरअसल, इस शुभ अवसर पर 4 अद्भुत संयोगों का निर्माण हो रहा है। जिसमें धृति योग, रवि योग, त्रिग्रही योग सहित शुक्रादित्य योग शामिल है। इन योगों के निर्माण से जातकों के जीवन में खुशहाली आएगी। साथ ही उन्हें हर क्षेत्र में तरक्की करेंगे।
महत्व
इस दिन दान करने का भी काफी ज्यादा महत्व है। इससे पूर्वज प्रसन्न हो जाते हैं। साथ ही माता लक्ष्मी, भगवान विष्णु और चंद्र देव खुश होते हैं। इस दिन कुछ उपायों को अपनाकर पूजा की जाए, तो देवी-देवताओं की कृपा दृष्टि सदैर आप पर बनी रहती है। धार्मिक मान्यताओं की मानें तो इस दिन अन्न का दान, कौड़ियों का दान, सफेद मिठाई का दान, वस्त्र दान, चांदी का दान आदि करने से घर में बरकत आती है। ऐसे घरों में कभी भी पैसों को लेकर कोई समस्या नहीं आती। परिवार के सदस्यों का हमेशा समाज में मान-सम्मान रहता है।
पौराणिक कथा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी धरती पर लोक का विचरण करने आती है। इसलिए यह दिन काफी शुभ माना जाता है। इस दिन विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना करने से जातकों के जीवन से सारी कठिनाइयां दूर हो जाती है। वहीं, चंद्र देव की पूजा-अर्चना करने पर कुंडली से चंद्र दोष से छुटकारा मिलता है।
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