Parivartini Ekadashi 2024 : भारत में सालों भर कोई-ना-कोई त्योहार मनाया जाता है। होली से लेकर दिवाली, नवरात्र से लेकर छठ पूजा, गणपति उत्सव से लेकर विश्वकर्मा पूजा सहित बहुत से अन्य छोटे-बड़े रीजनल त्योहार भी मनाए जाते हैं। इनमें से एक एकादशी भी शामिल है। बता दें कि सालभर में कुल 24 एकादशी व्रत रखे जाते हैं। जिसका अपना अलग-अलग महत्व होता है। इस खास मौके पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि एकादशी व्रत को रखने से भक्त के सारे पाप धुल जाते हैं। वहीं, इस साल 14 सितंबर को सितंबर महीने की पहली एकादशी यानी परिवर्तनी एकादशी मनाई जाएगी। इसे जलझूलनी एकादशी के नाम से भी लोग जानते हैं जो कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी तिथि को मनाई जाती है।
शुभ मूहर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस व्रत का शुभारंभ 13 सितंबर को रात 10 बजकर 40 मिनट पर होगा और इसका समापन इसके ठीक अगले दिन यानी 14 सितंबर को रात 8 बजकर 41 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, 14 सितंबर को परिवर्तनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इस दौरान अगर भक्त से भूलकर भी यह गलती हो जाए, तो उनका यह व्रत टूट सकता है और इसका उन्हें नकारात्मक परिणाम भी भुगतना पड़ सकता है। इसलिए पूजा करते वक्त कुछ विशेष चीजों का ध्यान रखना अति आवश्यक है।
व्रत पारण समय
वहीं, व्रत पारण की टाइमिंग हिंदू पंचांग के अनुसार, 15 सितंबर 2024 को सुबह 6 बजकर 6 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 34 मिनट तक का है। इस दौरान व्रती पारण कर सकते हैं।
ना करें ये गलती
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां तुलसी भगवान शिव को अति प्रिय है। ऐसा कहा जाता है कि उनकी पूजा तुलसी के पत्ते के बगैर अधूरा माना जाता है। इसलिए यह भोग के तौर पर भगवान विष्णु को चढ़ाया जाता है। ऐसे में अगर आप तुलसी के पत्ते को भोग के तौर पर चढ़ना भूल जाते हैं, तो आपका व्रत भंग हो सकता है। साथ ही, आपको इस बात का भी ध्यान रखना है कि एकादशी के दिन आपको तुलसी नहीं तोड़नी चाहिए, बल्कि इसके लिए एक दिन पहले ही तुलसी के पत्ते को तोड़कर किसी साफ बर्तन में रख दें। इससे आपका व्रत भंग नहीं होगा और आपको भगवान विष्णु की असीम कृपा प्राप्त होगी।
- एकादशी व्रत करने वाले साधकों को चावल खाना वर्जित होता है। इसे खाने से आपका व्रत टूट सकता है। इस दिन व्रती के अलावा उनके परिवार के किसी भी सदस्य को चावल नहीं खाना चाहिए। अगर वह सभी इस नियम का पालन करते हैं तो इसका उन्हें अच्छा परिणाम मिलत है।
- वैसे तो किसी भी व्रत को रखने वाले साधक को दोपहर में भूल कर भी नहीं सोना चाहिए। इससे उनका व्रत टूट सकता है और भगवान उनसे नाराज हो सकते हैं। इसलिए कोशिश करें कि दोपहर में ना सोएं।
- भगवान विष्णु को पीला रंग अति प्रिय है। इसलिए कोशिश करें कि इस दिन ऐसे ही रंग के वस्त्र को धारण करें। इस दिन भूल कर भी काले रंग के कपड़े न पहनें। बता दें कि यह रंग किसी भी शुभ काम के लिए बहुत अशुभ माना जाता है। इससे आपके जीवन में अंधेरा छा सकता है। अगर आपके पास पीले रंग का वस्त्र नहीं है. तो कोशिश करें कि किसी भी हल्के रंग का कपड़ा पहन लें, लेकिन काले रंग का कपड़ा बिल्कुल भी ना पहनें।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)