Ram Navmi 2023 : कौशल्या के प्यारे राम-दशरथ राज दुलारे राम, आइए रामनवमी पर पढ़ें भगवान राम से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें

Ram Navmi 2023 : भए प्रगट कृपाला दीन दयाला कौसल्या हितकारी… यह कुछ लाइनें पढ़कर आज पूरा हिंदुस्तान अपने आराध्य भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाएगा। करुणा के प्रतीक राम, मर्यादा के प्रतीक राम, साहस के प्रतीक राम, प्रेम के प्रतीक राम और हर हिंदुस्तानी के मन में बसे राम। आखिर ऐसा क्यों है के इस भारतवर्ष में हर मां की बस एक ही ख्वाहिश होती है कि उसका बेटा राम बने।

आइए आज हम पढ़ते हैं कुछ ऐसी ही बातों के बारे में जिनकी वजह से यह स्थापित होता है कि क्यों हर मां, हर पिता अपने बच्चे को राम बनाना चाहते हैं।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।