Sankashti Chaturthi 2023 : हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। इस अवसर पर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना, व्रत और उपासना किया जाता है। इस दिन लोग उन्हें सफलता, सुख और समृद्धि के देवता के रूप में पूजते हैं। भक्तों के लिए यह पर्व एक अवसर होता है अपनी मानसिक, आध्यात्मिक और शारीरिक उन्नति के लिए अपने मन, शरीर और आत्मा को पवित्र करने का। इस दिन के व्रत और पूजन से लोग विभिन्न संकटों और मुश्किलों से मुक्ति प्राप्त करने की कामना करते हैं।
शुभ मुहूर्त
बता दें कि 30 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 24 मिनट से शुरू होकर 1 दिसंबर को दोपहर 3 बजकर 31 मिनट तक की अवधि होगी। वहीं, चंद्र दर्शन का समय संध्याकाल 7 बजकर 54 मिनट पर है।
सर्वार्थ सिद्धि योग
इस दौरान सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण दोपहर 3 बजकर 1 मिनट से शुरू हो रहा है और इसका समापन अगले दिन जो 1 दिसंबर प्रातः 6 बजकर 56 मिनट पर होगा। कुल मिलाकर लगभग 15 घंटे 55 मिनट तक यह योग बना रह है।
बव करण योग
इसके अलावा, बव करण का निर्माण भी हो रहा है जो कि दोपहर 2 बजकर 24 मिनट से शुरू होगा और इसका समापन 1 दिसंबर रात 2 बजकर 53 मिनट तक होगा।
ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा
- पूजा की शुरुआत में स्नान करें और अपने शरीर को शुद्ध करें।
- गणेश जी के लिए एक साफ़ और सुरक्षित स्थान तैयार करें।
- पूजन सामग्री जैसे दीपक, धूप, अगरबत्ती, फूल, पुष्पांजलि, नैवेद्य, पान, फल, नरियल, धातु या मृत्तिका की मूर्ति आदि रखें।
- पूजा के दौरान आप गणेश मंत्रों “ॐ गं गणपतये नमः” या “ॐ श्री गं गणपतये नमः” का जाप करें।
- जिसके बाद आरती गाकर भगवान गणेश को समर्पित करें।
- अन्न, मिठाई या फल को प्रसाद के रूप में भोग लगाएं।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)