Akshaya Tritiya: अक्षय तृतीया, जिसे त्रिलोकी तिथि और वैशाख शुक्ल तृतीया के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह शुभता, समृद्धि और नवीन शुरुआत का प्रतीक है। इस वर्ष यह पर्व 10 मई 2024 को मनाया जाएगा। यह दिन भगवान विष्णु, लक्ष्मी, कुबेर और कृष्ण की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन किए गए पूजन, दान और पुण्य के फल अक्षय होते हैं, यानि हमेशा बने रहते हैं। इस दिन लोग अपने घरों को साफ करते हैं, नए कपड़े पहनते हैं और मिठाइयां बांटते हैं। सोना, चांदी और तांबे जैसी धातुओं की खरीदारी करना भी इस दिन शुभ माना जाता है। अक्षय तृतीया का पर्व हमें अपने जीवन में सकारात्मकता, समृद्धि और नए अवसरों को लाने के लिए प्रेरित करता है।
अक्षय तृतीया के दिन कैसे करें पूजा
सामग्री:
भगवान कृष्ण की प्रतिमा या मूर्ति
गंगाजल
पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और जल)
चंदन
फूल
धूप
दीप
मिठाई
फल
पान
सुपारी
विधि:
1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
2. अपने घर और पूजा स्थान को साफ करें।
3. एक चौकी या वेदी स्थापित करें और उस पर भगवान कृष्ण की प्रतिमा या मूर्ति रखें।
4. प्रतिमा को गंगाजल और पंचामृत से स्नान कराएं।
5. चंदन, फूल, धूप और दीप से भगवान का पूजन करें।
6. भगवान को मिठाई, फल, पान और सुपारी अर्पित करें।
7. अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त में भगवान कृष्ण की आरती करें।
8. भगवान कृष्ण के मंत्रों का जाप करें।
9. भगवान कृष्ण से अपनी मनोकामनाएं प्रार्थना करें।
10. पूजा के बाद प्रसाद वितरित करें।
कुछ खास बातें
अक्षय तृतीया के दिन भगवान कृष्ण का पूजन करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन किए गए दान और पुण्य के फल अक्षय होते हैं। इस दिन सोना, चांदी और तांबे जैसी धातुओं की खरीदारी करना भी शुभ माना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन गायों को भोजन खिलाना और दान करना भी बहुत पुण्यकारी होता है।अक्षय तृतीया के दिन भगवान कृष्ण की पूजा करने से, धन-संपदा में वृद्धि होती है। ग्रहों की पीड़ा दूर होती है। विद्या और बुद्धि प्राप्त होती है। शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। भय और रोगों से मुक्ति मिलती है।मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)