Somvati Amavasya 2024: हिंदू धर्म में प्रत्येक तिथि का अपना विशेष महत्व होता है। ठीक वैसे ही सोमवती अमावस्या का भी विशेष महत्व है, जब अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है, तो इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। अमावस्या के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है, जिससे व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति और सुख समृद्धि प्राप्त होती है।
इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का भी विशेष महत्व है। कहा जाता है, कि इस दिन दान पुण्य करने और नदियों में स्नान करने से पाप धूल जाते हैं, और पुण्य की प्राप्ति होती है। पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए इस दिन लोग पितरों का तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान तो करते ही हैं, इसके अलावा इस दिन दीपक जलाने का भी विशेष महत्व लेकिन क्या आप जानते हैं कि सोमवती अमावस्या के दिन घर के किस-किस स्थान पर दीपक जलाना चाहिए।
दीपक जलाने का महत्व (Somvati Amavasya 2024)
सोमवती अमावस्या पर दीपक जलाने का विशेष महत्व है क्योंकि दीपक जलाने से देवी देवता प्रसन्न होते हैं, साथ ही साथ पितरों का आशीर्वाद भी मिलता है। दीपक प्रज्वलित करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और नकारात्मक ऊर्जा धीरे-धीरे दूर हो जाती है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार घर की ऐसी 5 जगह है, जहां अमावस्या पर दीपक अवश्य जलाना चाहिए। साथ ही साथ दीपक की दिशा का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए, तो चलिए जानते हैं कि वह जगह कौन-कौन सी हैं।
किन 5 स्थानों पर लगाएं दीपक
मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं
मुख्य द्वार को मां लक्ष्मी के आगमन का द्वारा माना जाता है। साथ ही साथ सकारात्मक ऊर्जा का द्वार भी माना जाता है, ऐसे में सोमवती अमावस्या के दिन मुख्य द्वार पर दीपक अवश्य जलाना चाहिए। घी का दीपक जलाना बहुत ही शुभ माना जाएगा। अगर घर में घी उपलब्ध नहीं है, तो आप सरसों के तेल का दीपक भी जला सकते हैं।
सूर्यास्त के बाद जैसे ही अंधेरा होने लगे वैसे ही दीपक जला देना चाहिए, शाम के समय मुख्यद्वार को खुला रखना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है और पितृ प्रसन्न होते हैं। घर में सुख-समृद्धि का वास भी होता है।
घर के बाहर दीपक जलाएं
एक दीपक घर के बाहर भी जलाकर रखना चाहिए, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि सोमवती अमावस्या के दिन घर के बाहर दक्षिण दिशा में पितरों के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। इस दीपक को पितरों का प्रतीक माना जाता है।
माना जाता है कि घर के बाहर सरसों के तेल का दीपक जलाने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनके आशीर्वाद से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
पीपल के पेड़ के पास दीपक जलाएं
सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के पास भी दीपक जलाना चाहिए। पीपल के पेड़ के पास तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए, तिल के तेल से दीपक जलाने से विशेष रूप से देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
अगर आपके घर में तिल का तेल उपलब्ध नहीं है, तो फिर आप सरसों के तेल का दीपक भी पीपल के पेड़ के पास जलाकर रख सकते हैं। इस उपाय को करने से भगवान का आशीर्वाद बना रहता है, पितृ भी प्रसन्न होते हैं, और सुख-समृद्धि और शांति का संचार भी होता है।
पूर्वजों की तस्वीर के पास जलाएं दीपक
अमावस्या तिथि पर ऐसा माना जाता है कि पूर्वजों का इस दिन घर में आगमन होता है। इसलिए इस दिन पिंडदान और तर्पण करने का कहा जाता है। घर में जहां कहीं भी पूर्वजों की तस्वीर लगी हुई है, वहां दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही साथ उनका आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
ईशान कोण में जलाएं दीपक
घर के ईशान कोण यानी जहां पर घर का मंदिर होता है, वहां भी दीपक अवश्य जलाना चाहिए। ईशान कोण में देवी-देवताओं का वास होता है। इसलिए इस दिशा में घर में मंदिर अवश्य बनवाना चाहिए, अगर आपका मंदिर ईशान कोण में ही पहले से बना हुआ है, तो इस दिशा में दीपक अवश्य लगाएं।
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