Vaman Jayanti 2022 : दो पग में नापा धरती-आकाश तीसरे में तोड़ा अहंकार, वामन जयंती आज

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज वामन जयंती (Vaman Jayanti 2022) है…आज के दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इससे मनुष्य के सारे पाप नष्ट होते हैं और वाजपेय यज्ञ के समान पुण्य फल की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथा अनुसार आज के दिन ही भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया था। इसे दशावतार में से पांचवा अवतार माना जाता है। प्रह्लाद पौत्र राजा बलि का अहंकार तोड़ने के लिए उन्होने वामन रूप धरा था। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने वामन जयंती पर सभी को शुभकामनाएं दी है।

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वामन अवतार की कथा

सतयुग में प्रह्लाद भगवान विष्णु के परम भक्त माने गए हैं। दैत्यराज बलि उनके पौत्र थे और उन्होने स्वर्ग पर अधिकार कर लिया था। इस कारण से सभी देवता संकट में आ गए और उन्होने विष्णु जी से सहायता मांगी। तदुपरांत देवताओं के दुख हरने के लिए विष्णु जी ने देवमाता अदिति के यहां वामन के रूप में जन्म लिया। एक समय जब बलि नर्मदा नदी के किनारे अश्वमेध यज्ञ कर रहे थे तभी वहां भगवान वामन पहुंच गए। वे बाल ब्रम्हचारी के रूप में पहुंचे थे। बलि ने उनका स्वागत किया और इच्छित दान मांगने के लिए कहा। इसपर भगवान वामन ने उनसे तीन पग भूमि मांगी।

ये सुनकर दैत्यराज बलि आश्चर्य में पड़ गए। उनसे अब तक साधुओं ने अनेकानेक वस्तुएं मांगी थी किंतु केवल तीन पग भूमि मांगने वाले वामन प्रथम थे। बलि ने उन्हें वचन दे दिया। इसके बाद भगवान वामन ने पहले पग में पूरी धरती नाप ली। दूसरे पग में उन्होने आसमान नाप लिया और अब तीसरा पग रखने को कोई स्थान शेष नहीं था। दैत्यराज बलि ने अपना वचन पूर्ण करने के लिए भगवान वामन से कहा कि वे तीसरा पैर उनके सिर पर रख दें। जैसे ही भगवान वामन ने उनके सिर पर पैर धरा, बलि पाताल लोक में जाकर गिया। लेकिन उसकी दानवीरता से प्रसन्न होकर भगवान वामन ने बलि को पाताललोक का स्वामी बना दिया।

ऐसे करें पूजन

आज के दिन भगवान वामन की मूर्ति या फिर चित्र पूजा की जाती है। दक्षिणावर्ती शंख में गाय का दूध लेकर पहले अभिषेक करना चाहिए। कथा और पूजा के बाद आरती की जाती है और फिर आखिरी में दही, मिश्री और चावल का दान किया जाता है। किसी गरीब या ब्रह्मण को भोजन कराने से पुण्य लाभ मिलता है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने वामन जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा है ‘नमः शांग धनुर्याण पाठये वामनाय च। यज्ञभुव फलदा त्रेच वामनाय नमो नमः।। दान, धर्म की रक्षा हेतु अवतरित श्रीहरि विष्णु के अवतार भगवान वामन जी की जयंती पर आपको हार्दिक शुभकामनाएं! हम सभी मानवता के मंगल व शुभत्व हेतु दान करें, सत्पथ पर चलें। श्री वामनावतार सबकी मनोकामनाएं पूरी करें।’


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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