Indore News : मां को उसके बेटे से मिलने के एवज मांगी गई थी घूस, लोकायुक्त पुलिस ने सिपाही को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा

बाणगंगा थाने पर पदस्थ हरि सिंह गुर्जर ने पहले तो 20 हजार की रिश्वत मांगी गई। लेकिन उसके बाद 10000 में पूरा मामला तय हुआ था।

Amit Sengar
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Lokayukta Police

Indore News : सरकार की सख्त कार्रवाई के बावजूद रिश्वतखोरी रुकने का नाम नहीं ले रही, प्रदेश सरकार के शासकीय सेवक बेख़ौफ़ रिश्वत ले रहे हैं, लोकायुक्त उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर रही है लेकिन उन्हें अपनी नौकरी जाने का भी डर नहीं है, उन्हें भ्रष्टाचार से मतलब है। ताजा मामला इंदौर के बाणगंगा थाने का है। जहाँ लोकायुक्त पुलिस ने आरक्षक को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है।

क्या है पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक बाणगंगा थाना क्षेत्र में रहने वाली एक महिला ने पिछले दिनों कलेक्टर ऑफिस में शिकायत की थी। उसने बताया था कि 2021 में रोड एक्सीडेंट में उसके पति की मौत हो गई थी। मौत के बाद कुछ समय तक तो वह अपने ससुराल में रही। उसके बाद ससुराल में आए दिन होने वाले विवाद के कारण वह अपनी एक बच्ची को लेकर माता-पिता के घर लौट गई। लेकिन ससुराल पक्ष ने उसके एक बेटे को रख लिया था और मां बेटे दोनों को अलग कर दिया था। जिसके बाद महिला ने कलेक्टर से शिकायत की गई थी। वहीं कलेक्टर ने मल्हारगंज एसडीएम को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद एसडीएम ने बाणगंगा थाना पुलिस को कार्रवाई के आदेश दिए। जिस पर बाणगंगा थाने को कार्रवाई करनी थी। इस आदेश की कार्रवाई को लेकर बाणगंगा थाने पर पदस्थ हरि सिंह गुर्जर ने पहले तो 20 हजार की रिश्वत मांगी गई। लेकिन उसके बाद 10000 में पूरा मामला तय हुआ था।

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महिला ने इसकी लोकायुक्त अधिकारियों से शिकायत की थी। जिसके बाद अधिकारियों ने ट्रेप की प्लानिंग की और थाने पर पदस्थ आरक्षक हरि सिंह गुर्जर को ट्रैक किया और 10000 की रिश्वत लेते हुए थाने के नजदीक से ही पकड़ा लिया। इसके बाद पूरे मामले में भ्रष्टाचार अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं में कार्रवाई की गई है और एक मां को उसके बेटे से दोबारा से मिलवाया गया है।

इंदौर से शकील अंसारी की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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