Vastu Tips: हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है। घर, ऑफिस, दुकान, इमारत आदि के निर्माण से लेकर किसी वस्तु को किस दिशा में रखना चाहिए तक का वर्णन वास्तु शास्त्र में विस्तार से किया गया है। आज हम इस लेख के द्वारा खासतौर पर कार्यक्षेत्र के वास्तु शास्त्र के बारे में जानेंगे। कई बार कड़ी मेहनत करने के बाद भी सफलता नहीं मिलती है या फिर कई बार काम करने में मन नहीं लगता है इन सब के पीछे कहीं ना कहीं वास्तु दोष कारण हो सकता है। आज हम आपको वास्तु शास्त्र के उन टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप आसानी से सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
इन वास्तु टिप्स की मदद से लगेगा काम में मन
1. दिशा
वास्तु शास्त्र में दिशा का विशेष महत्व होता है, खासकर कार्यक्षेत्र में। उत्तर और पूर्व दिशा को एकाग्रता और उत्पादकता के लिए शुभ माना जाता है। उत्तर दिशा बुध ग्रह से संबंधित है, जो ज्ञान और बुद्धि का ग्रह है। यह दिशा मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता को बढ़ावा देती है। पूर्व दिशा सूर्य ग्रह से संबंधित है, जो ऊर्जा और प्रेरणा का ग्रह है। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा और उत्साह को बढ़ाती है, जिससे आप अधिक उत्पादक बन सकते हैं। इसलिए, यदि आप अपने कार्यक्षेत्र में एकाग्रता और उत्पादकता बढ़ाना चाहते हैं, तो इसे उत्तर या पूर्व दिशा में स्थापित करें। दक्षिण दिशा को नकारात्मक माना जाता है क्योंकि यह यम ग्रह से संबंधित है, जो मृत्यु और विनाश का ग्रह है। इस दिशा में कार्यक्षेत्र होने से मन अशांत हो सकता है और कार्य में बाधा आ सकती है। अतः, दिशा का ध्यान रखकर कार्यक्षेत्र स्थापित करना सफलता और समृद्धि की दिशा में पहला कदम है।
2. बैठने की व्यवस्था
अपनी कुर्सी को दीवार के सामने रखें, दरवाजे की ओर नहीं। इससे आपको सुरक्षा और समर्थन का एहसास होगा। अपने सामने खाली जगह रखें, ताकि आप स्पष्ट रूप से सोच सकें। कार्यक्षेत्र में बैठने की व्यवस्था आपके एकाग्रता और आत्मविश्वास को प्रभावित करती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, अपनी कुर्सी को दीवार के सामने रखें, दरवाजे की ओर नहीं। यह सुरक्षा और समर्थन का एहसास देगा, जिससे आप अधिक एकाग्र और आत्मविश्वास से काम कर सकेंगे। दरवाजे की ओर पीठ करके बैठने से आप असुरक्षित और अस्थिर महसूस कर सकते हैं। अपने सामने खाली जगह रखें। यह आपको स्पष्ट रूप से सोचने और अपने विचारों को व्यवस्थित करने में मदद करेगा। यदि आपके सामने बहुत अधिक अव्यवस्था या बाधाएं हैं, तो इससे आपका मन भ्रमित हो सकता है और आपकी एकाग्रता भंग हो सकती है। इस प्रकार, कार्यक्षेत्र में बैठने की व्यवस्था पर ध्यान देकर आप अपनी एकाग्रता और उत्पादकता को बेहतर बना सकते हैं।
3. प्रकाश
अपने कार्यक्षेत्र में प्राकृतिक प्रकाश का उपयोग करें। यदि संभव न हो, तो पर्याप्त कृत्रिम प्रकाश का उपयोग करें। अंधेरे या मंद प्रकाश से मन थका और असावधान हो जाता है। प्रकाश हमारे कार्यक्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। प्राकृतिक प्रकाश का उपयोग करना सबसे अच्छा है, क्योंकि यह मन को शांत और एकाग्र करता है। यदि प्राकृतिक प्रकाश उपलब्ध नहीं है, तो पर्याप्त कृत्रिम प्रकाश का उपयोग करें। अंधेरे या मंद प्रकाश से मन थका और असावधान हो जाता है।प्रकाश हमारे मस्तिष्क को उत्तेजित करता है और एकाग्रता, स्मृति और रचनात्मकता को बढ़ाता है। यह तनाव और थकान को कम करने में भी मदद करता है।इसलिए, अपने कार्यक्षेत्र में पर्याप्त प्रकाश का उपयोग करना सुनिश्चित करें। आप टेबल लैंप, फ्लोर लैंप या छत की रोशनी का उपयोग कर सकते हैं। यह भी ध्यान रखें कि प्रकाश बहुत तेज न हो, क्योंकि इससे आंखों पर दबाव पड़ सकता है। प्रकाश के अलावा, आप अपने कार्यक्षेत्र में रंगों का भी उपयोग करके वातावरण को और अधिक सकारात्मक और प्रेरक बना सकते हैं।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)