Vastu Tips : शास्त्रों में मिट्टी से बनी चीजों को पवित्र माना जाता है और उन्हें शुभ-लाभ का प्रतीक समझा जाता है। पहले के जमाने में मिट्टी का उपयोग खाना बनाने और पानी पीने के लिए किया जाता था। अभी भी कई देशों और क्षेत्रों में मिट्टी के बरतन, मिट्टी के चूल्हे और मिट्टी के घड़े आदि आपको देखने को मिलेंगे। आधुनिक युग में ज्यादातर लोग प्लास्टिक का इस्तेमाल करने लगे हैं, जिससे मिट्टी से बनी चीजों का उपयोग कम हो गया है। यह बदलाव तकनीकी विकास, वाणिज्यिकरण और बदलती जीवनशैली के कारण हुआ है लेकिन कुछ लोग अभी भी मिट्टी से बनी चीजों को आदर्श मानते हैं और घरों में उन्हें शामिल करते हैं जैसे- मिट्टी के बरतन, मिट्टी के घड़े, मिट्टी के मूर्तियां आदि होती हैं।
मिट्टी का घड़ा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की पूर्व दिशा में मिट्टी से बने एक घड़े में पानी रखने से धन, समृद्धि, और खुशहाली घर में आती है। पूर्व दिशा में स्थित इस मिट्टी के घड़े के माध्यम से आने वाला पानी सृष्टि की ऊर्जा को बढ़ाता है। इस प्रकार घर में सुख, समृद्धि और शुभता का आनंद बढ़ाता है। इसके अलावा, मिट्टी का घड़ा घर में एक पवित्र वस्तु माना जाता है और इसे मां लक्ष्मी का वास स्थान माना जाता है।
मिट्टी का गमला
वास्तु शास्त्र में मिट्टी के गमलों को घर में रखने का महत्व दिया जाता है। मिट्टी के गमले घर में सुख-शांति का माहौल बनाने में मदद करते हैं। इन्हें पूर्व दिशा या नक्षत्र के अनुसार स्थापित किया जाता है। इससे आपके घर में शुभता, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। मिट्टी के गमलों का उपयोग पर्यावरण के लिए भी महत्वपूर्ण है। ये प्राकृतिक और शान्तिपूर्ण होते हैं और पौधों के लिए अच्छा माध्यम प्रदान करते हैं। मिट्टी के गमले पौधों के लिए उच्च गुणवत्ता की मिट्टी और प्राकृतिक द्रवियों का उपयोग करने की अनुमति देते हैं, जो पौधों के स्वास्थ्य और विकास के लिए उपयुक्त होते हैं।
मिट्टी के बर्तन
यहां प्रत्येक व्यक्ति के विश्वास पर विभिन्न मान्यताएं होती हैं जो उनके आचार-व्यवहार और संस्कृति से संबंधित होती हैं। मिट्टी के बर्तन में खाना बनाना सेहत और भाग्य को सुखदायी बना सकता है। काम में आ रही बाधा दूर हो सकती है। इसके अलावा, आपने शनिदेव के प्रसन्नता के लिए मिट्टी के बर्तन में चिड़ियों के लिए पानी रखने का उल्लेख किया है। ये धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताएं हो सकती हैं। जिनमें व्यक्ति अपनी आस्था रखते हैं। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए व्यक्ति विभिन्न उपाय का आदान-प्रदान करते हैं, जिसमें मिट्टी के बर्तन में पानी रखना भी शामिल है।
मिट्टी के दीये
धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताओं में मिट्टी को पवित्र माना जाता है और इसका उपयोग पूजा पाठ और धार्मिक आयोजनों में किया जाता है। मिट्टी के दीयों का जलाना भगवान के प्रतीक रूप में भी माना जाता है। इससे भगवान प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। मिट्टी के दीये को घर में जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार होता है। इस प्रकार के प्रार्थना और पूजा अभियानों में उपयोग होने वाले मिट्टी के दीये आत्मीयता, शांति और सकारात्मकता की भावना को प्रतिष्ठित करते हैं। इसे जलाने से आत्मिक, मानसिक शांति, प्रशांत वातावरण और अच्छा महसूस करने का अनुभव होता है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)