Paush Amavasya 2024: सनातन धर्म में हर अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। अमावस्या के दिन स्नान-दान, पूजा-पाठ का बहुत महत्व है। प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि को अमावस्या मनाई जाती है इस तरह सालभर में कुल 12 अमावस्या मनाई जाती है। पौष माह की अमावस्या तिथि को पौष अमावस्या कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के बाद पौष माह की शुरुआत होती है। इस माह में मकर संक्रांति, अखुरथ संकष्टी चतुर्थी, पाक्षिक एकादशी और प्रदोष व्रत समेत कई त्यौहार मनाए जाते हैं।
कब है साल 2024 की पौष अमावस्या
साल 2024 की पौष अमावस्या 10 जनवरी की रात 9 बजकर 10 मिनट से शुरू होगी और 11 जनवरी को शाम 5 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। हिंदू धर्म में हर त्यौहार उदया तिथि के अनुसार मनाया जाता है। इसलिए उदया तिथि के अनुसार पौष अमावस्या 11 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी।
क्या हैं पौष अमावस्या का महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह दसवां महीना है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अमावस्या तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध किया जाता है। पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए लोग इस दिन तरह-तरह के उपाय भी करते हैं। इस दिन स्नान, दान-पुण्य का विशेष महत्व है। इसके अलावा इस दिन पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए उपवास रखा जाता है।
पौष अमावस्या के दिन किन नियमों का पालन करना चाहिए
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अमावस्या की तिथि के दिन सूर्योदय से पहले व्यक्ति को उठाना चाहिए और इस दिन पूजा पाठ का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस दिन पिंडदान, तर्पण व स्नान-दान का विशेष महत्व है। बनते कोशिश इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान जरूर करना चाहिए। अगर नदी में स्नान करना संभव नहीं हो पा रहा है तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए। इसके अलावा इस दिन तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए साथ-साथ मांस मंदिरा से भी दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)