खेल, डेस्क रिपोर्ट। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल बीसीसीआई की उस याचिका को स्थगित कर दिया है, जिसमें सौरव गांगुली और जय शाह समेत अन्य पदाधिकारियों को कार्यकाल को लेकर संविधान में संशोधन करने की मांग की गई है। इस मामले की सुनवाई अब गुरुवार को होगी।
दरअसल, न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली एक समिति ने यह तय किया था कि किसी भी राज्य क्रिकेट संघ या बीसीसीआई स्तर के पदाधिकारियों को छह साल के कार्यकाल के बाद तीन साल के ब्रेक से गुजरना होगा। लेकिन अब बीसीसीआई की तरफ इसे रद्द करने की याचिका दायर की गई।
आपको बता दे, सौरव गांगुली ने 2019 में बोर्ड के अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाला था और इससे पहले वह 4 साल तक बंगाल क्रिकेट संघ के भी अध्यक्ष थे। अगर, मौजूदा नियमों पर नजर डाले तो उनका ये वाला कार्यकाल खत्म हो चुका है और उन्हें तीन साल का ब्रेक मिल जाना चाहिए। यहीं सामान समस्या जय शाह के साथ भी है क्योंकि वह भी बीसीसीआई से पहले गुजरात क्रिकेट संघ में पदाधिकारी रह चुके है।
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लेकिन, अब बीसीसीआई ने अपने प्रस्तावित संशोधन में अपने पदाधिकारियों के लिए ब्रेक टाइम को खत्म करने की मंजूरी मांगी है ताकि बीसीसीआई अध्यक्ष गांगुली और सचिव शाह संबंधित राज्य क्रिकेट संघों में छह साल पूरे करने के बाद भी अपने पद पर बने रह सकें।
उधर, सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई के दौरान बिहार क्रिकेट संघ की ओर से पेश वकील ने कहा कि तकनीकी रूप से बीसीसीआई अधिकारियों का कार्यकाल खत्म हो गया है लेकिन वह अभी भी इसे जारी रखे हुए है।
फिलहाल, मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ ने बीसीसीआई की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे द्वारा सुनवाई स्थगित करने की मांग के बाद मामले को गुरुवार तक के लिए स्थगित दिया है। पीठ ने कहा, ‘कल, एक दिन में कुछ नहीं होगा। जल्दी क्या है?’