पिछले कुछ समय से विंडोज को फिशिंग अटैक का शिकार बनाया जा रहा था। दरअसल, विंडोज में अपडेट रोल आउट होने के बाद अब विंडोज को छोड़कर फिशिंग अटैक का खतरा मैक पर मंडरा रहा है। ऐसे में मैक यूजर्स को सावधान रहने की जरूरत है। लेयर 1 लैब ने इस फिशिंग कैंपेन के बारे में जानकारी जुटाई है। पिछले कुछ महीनों से यह फिशिंग कैंपेन विंडोज यूजर्स को निशाना बना रहा था, जिससे उनकी निजी जानकारी हैकर्स तक पहुंच रही थी।
दरअसल, फिशिंग अटैक के लिए यह स्कीम नोटिफिकेशन को माइक्रोसॉफ्ट के सिक्योरिटी अलर्ट की तरह ही शो कर रही थी, जिससे यूजर्स को भ्रम हो जाए और वे आसानी से इस पर भरोसा कर लें। लेकिन अब फिशिंग अटैक कैंपेन की नजर मैक यूजर्स पर आ गई है।

कैसे बनाया जाता है निशाना?
लेयर 1 लैब के अनुसार, यह फिशिंग अटैक अब तक का सबसे बड़ा कैंपेन हो सकता है। इस कैंपेन के चलते हैकर्स उन यूजर्स पर नजर रख रहे हैं, जो वेबसाइट का नाम सर्च करते समय गलती करते हैं और किसी वेबसाइट का गलत नाम सर्च कर देते हैं। ऐसे में ये यूजर्स अलग-अलग साइट्स से होकर फिशिंग अटैक के पेज पर पहुंच जाते हैं। इसके लिए कोड में कुछ एडजस्टमेंट किए गए हैं। रिसर्चर्स का मानना है कि आने वाले समय में ऐसे कई मामले देखने को मिलेंगे। यह मैक यूजर्स के खिलाफ फिशिंग अटैक की सिर्फ शुरुआत है।
इससे कैसे बचा जाए?
ऐसे में सभी मैक यूजर्स को अलर्ट रहने की जरूरत है। यह जानना जरूरी है कि ऐसे स्कैम से कैसे बचा जा सकता है। फिशिंग अटैक से बचने के लिए ऑथेंटिक वेबसाइट का ही इस्तेमाल करना चाहिए। अगर इस्तेमाल करते समय कोई वेब पेज संदिग्ध लगता है, तो उस पर किसी भी प्रकार की जानकारी न दें। आजकल साइबर क्राइम की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे बचना बेहद जरूरी है। किसी भी अनजान व्यक्ति द्वारा शेयर किए गए लिंक पर क्लिक न करें।