नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। पहनावा ही एक व्यक्ति के चरित्र का वर्णन करता है या कहें तो वह व्यक्ति क्या काम करता होगा, इस तरफ भी इशारा करता है। एक खिलाड़ी लोअर और टी-शर्ट पहनकर ही खेल सकता है या एक वकील को उसकी बुद्धिमत्ता के साथ-साथ उसके काले कपड़े ही दर्शाते है कि वह वकील है। तो यह बात सही है कि जगह और समय के हिसाब से ही पोशाक पहननी चाहिए।
पहनावे को लेकर ही सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जहां एक डीएम स्कूल के हेडमास्टर को उनके कपड़ो पर ही लेक्चर दे रहे है। इस दौरान डीएम साहब काफी गुस्से में नजर आ रहे है और हेडमास्टर कुर्ता पजामा पहने देख कह रहे है कि यह किसी शिक्षक का नहीं बल्कि जनप्रतिनिधि का पहनावा ज्यादा लग रहा है।
ये मामला बिहार के लखीसराय जिले का है, जहां बालगुदर पंचायत के कन्या प्राथमिक विद्यालय बालगुदर का निरीक्षण करने डीएम संजय कुमार सिंह पहुंचे थे। इस दौरान उनके साथ स्थानीय मुखिया भी मौजूद थे। लेकिन जैसे ही डीएम साहब स्कूल के अंदर पहुंचे स्कूल के प्रिंसिपल निर्भय कुमार सिंह का पहनावा देख उन पर भड़क गए।
डीएम ने तुरंत जिला शिक्षा पदाधिकारी फोन मिलाया और हेडमास्टर को सस्पेंड करने के साथ-साथ उसकी सैलरी रोकने को भी कहा। डीएम कैमरे के सामने ही हेडमास्टर पर चिल्लाते हुए भट्ट… और चुप्प कहते भी दिखाई दिए।
लेकिन इस वीडियो के वायरल होने के बाद डीएम पर पासा उल्टा पड़, लोगों ने हेडमास्टर की जगह डीएम को अभद्र भाषा का प्रयोग करने के लिए निशाने पर लिया।
फिल्ममेकर अशोक पंडित ने भी इसका वीडियो शेयर किया और लिखा, “इस तथाकथित डीएम को टीचर से उनका अपमान करने के लिए माफी मंगवानी चाहिए और तुरंत उसे नौकरी से निकाल देना चाहिए।”
इसके अलावा अन्य उपयोगकर्ताओं ने भी डीएम की जमकर आलोचना की। किसी ने डीएम को पश्चिमी सभ्यता का गुलाम बताया तो किसी ने कुर्ते पाजामे का उदहारण देकर देशभक्ति का पाठ पढ़ाया।