भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। हम सभी अपने घरों में मकड़ी के जाल (Spider web) से परेशान रहते हैं। चाहे जितनी सफाई कर लें, लेकिन जरा मौका मिला नहीं कि मकड़ी अपनी करामात दिखा जाती है। हम भले ही इसके जालों से परेशान रहें, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये जाले संसार में कम से कम 100 मिलियन वर्षों से मौजूद हैं। आठ पैरों वाली मकड़ी के पेट में एक थैली (swippernet) होती है, जिससे एक चिपचिपा पदार्थ निकलता है, जिससे यह जाल बुनती है।
विटामिन A की कमी को दूर करने के टिप्स
मकड़ियों के पेट के सिरे पर स्थित कताई ग्रंथियों से इस रेशम का उत्पादन करती है। जब उसके पेट से चिपचिपा पदार्थ निकलता है तो हवा से मिलकर वो रेशम का रूप ले लेता है। इसे स्पाइडर सिल्क (spider silk) कहा जाता है। हर ग्रंथि एक विशेष उद्देश्य के लिए एक धागा पैदा करती है। एक रेखा पीछे की तरफ जो असल में सुरक्षा रेखा होती है। अपने शिकार को फंसाने के लिए चिपचिपा रेशम निकालकर जाल बनाना। अलग-अलग प्रकार की ग्रंथियों का अलग तरह के रेशम बनाने के लिए किया जाता है। कुछ मकड़ियां तो अपने जीवन में आठ अलग अलग तरह के रेशम बुनने में सक्षम होती हैं।
https://twitter.com/wowinteresting8/status/1556284456687702021?s=20&t=U2Gz9qYTNx7roNedeliSTQ