भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। हर रेस जीतने के लिए ही नहीं दौड़ी जाती, कई बार उसमें शामिल होना भी महत्वपूर्ण होता है। खासकर जब आपकी उम्र 102 साल की हो और आपके मुकाबले खड़े हो कई सारे युवा। आज हम आपको ऐसा ही एक वीडियो दिखाने जा रहे हैं जिसमें इस बुजुर्ग शख्स का जज़्बा और स्पोर्ट्समेनशिप के आप कायल हो जाएंगे।
Motivational Video : अपने हाथ और मन खोलिये, इन हाथों से नेकी बांटिये
वीडियो में हमें एक रेस का मैदान दिख रहा है जहां कई सारे लोग बिल्कुल तैयार मुद्रा में है। सिग्नल होता है और सब दौड़ना शुरू करते हैं। इसी बीच हमारी नजर जाती है एक बुजुर्ग शख्स पर..जो धीरे धीरे दौड़ रहे हैं। सारे लोग आगे जा चुके हैं और वो अपने लड़खड़ाते पैरों से धीरे धीरे दौड़ रहे हैं। लेकिन ये शख्स तो अपनी रेस पहले ही जीत चुके हैं। 1917 में जन्मे 102 साल के ये बुजुर्ग दरअसल जिंदगी की रेस में हम सबसे सयाने और अनुभवी हैं।
इनका यहां दौड़ने का मकसक कम से कम ये रेस जीतना तो बिल्कुल नहीं रहा होगा। ये भी जानते होंगे कि यहां दौड़कर मेडल पाना संभव नहीं। लेकिन फिर भी इन्होने भाग लिया और दौड़े..ये जज़्बा ही जीवन के प्रति इनका सकारात्मक सोच को दर्शाता है। सिर्फ इस बात से कि शायद हम जीत नहीं पाएंगे, अपनी मर्जी का काम छोड़ देना मन की हार है। मन की जीत है हर वो काम करना जिसमें हमें खुशी मिलती हो। जब ये शख्स रेस के मैदान में दौड़े तो वहां मौजूद हर व्यक्ति ने इन्हें चीयर किया। आखिर इस उम्र और जिंदादिली का गवाह बनना भी किसी सेलिब्रेशन से कम तो नहीं है।
“Never put an age limit on your dreams.”
This man was born in 1917, running a race at age 102 pic.twitter.com/cvabjbcOXb
— Vala Afshar (@ValaAfshar) September 22, 2022