शिवपुरी, शिवम पाण्डेय। कोरोना (corona) जैसी भीषण महामारी में पूरा प्रदेश भयावाह स्थिति में है। एक तरफ तो ऑक्सीजन (oxygen) की कमी पड़ रही है तो वहीं दूसरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सरपंच मजदूरों हक मार रहेहै। मामला शिवपुरी (Shivpuri) के खनियाधाना (Khaniadhana) जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत पोठयाई का है। जहां सरपंच सचिव रोजगार सहायक विभागीय अधिकारियों से मिलकर मनरेगा के कामों में मशीनों से काम कराकर हरे भरे पेड़ काटे जा रहे हैं। जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने कई बार सरपंच सचिव को समझाइश दी। लेकिन वह नहीं माने और हाईवे पर बने पोठयाई शिव मंदिर के पास सरपंच सचिव द्वारा कुआं निर्माण की एवज में हरे भरे पेड़ कई साल पुराने पेड़ काटे जा रहे थे। जिससे गुस्साए ग्रामीणों ने रविवार को हाईवे पर चक्का जाम कर दिया।
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गौरतलब है कि केंद्र सरकार (central government) ने ये सोचकर मनरेगा के तहत कई विकास कार्य ग्राम पंचायतों में दिये थे, कि बाहर शहरों से मजदूरी कर लौट रहे लोगों को मजदूरों को काम मिल सके। और कोई बिना रोजगार के न रहे। लेकिन बात की जाए शिवपुरी जिले के खनियाधाना जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत पोठयाई की तो यहां मनरेगा के तहत बन रहे कुआं में सरपंच सचिव और रोजगार सहायक विभागीय अधिकारियों के साथ मिलकर अंधाधुंध पेड़ कटवा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि एक तरफ तो प्रदेश में ऑप्शन नहीं पड़ रही है। लोग तड़प-तड़प कर अपनी जान गवां रहे हैं। वहीं दूसरी ओर हमारे पास में ही इतनी हरे-भरे वृक्ष लगे हुए सरपंच सचिव द्वारा कुआं बनाने में काँटे जा रहा है। शिवपुरी जिले भर में ऑक्सीजन की कमी से काफी परेशान है। ऐसे में ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए शासन-प्रशासन द्वारा अत्यंत मेहनत की गई। आज प्राकृतिक ऑक्सीजन सिलेंडर कहे जाने पेड़ो की कमी अब लोगो को अत्यन्त गिरावट आयी है। लेकिन अपने कमीशन के लालच में खनियाधाना जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत पोठयाई के सरपंच सचिव रोजगार सहायक विभागीय अधिकारियों से मिलकर में प्राकृतिक ऑक्सीजन काटने से नहीं मान रहे।