हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक मामलें में एसआईटी गठित, जांच मे कई चौकानें वाले खुलासे

जबलपुर,डेस्क रिपोर्ट। जबलपुर में पुलिस गिरफ्त में आये हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक द्वारा एकत्र की गई धन सम्पदा से लेकर उसके संबंधों तक कहानी भी उजागर होने लगी है, पुलिस को जानकारी मिली है कि अब्दुल रज्जाक के मुम्बई की डी कंपनी से जुड़े लोगों से कारोबारी रिश्ते है वहीं यूपी के कुख्यात बदमाश जबलपुर में रज्जाक के घर में फरारी काटने के लिए आते रहे। हालांकि एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने अब्दुल रज्जाक के तमाम मामलों की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया है, एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने करीबन 17 पुलिस अधिकारियों को शामिल कर एसआईटी का गठन किया है, जो एएसपी सिटी रोहित काशवानी की अगुवाई में काम करेगी जिसकी कमान सीएसपी अखिलेश गौर को सौंपी गई है. जिसमें एएसपी क्राइम ब्रांच गोपाल खांडेल, सीएसपी ओमती आरडी भारद्धाज, सीएसपी गढ़ा तुषार सिंह, डीएसपी अजाक पंकज मिश्रा, डीएसपी सीआईडी सुशील चौहान, टीआई ओमती एसपीएस बघेल, टीआई लार्डगंज प्रफुल्ल श्रीवास्तव, टीआई कैंट विजय तिवारी, टीआई खमरिया निरूपमा पांडेय, एएसआई राम सनेही शर्मा, आरक्षक राजेश केवट, मानस उपाध्याय, अमित पटेल, आदित्य, ऋ षी नामदेव व द्रौपदी कुशवाहा को शामिल किया गया है।

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बताया जाता है कि दूध के कारोबार से जबलपुर में अपने पैर जमाने वाले अब्दुल रज्जाक ने टोलटैक्स नाकों के ठेके लेकर जो रुपया कमाना शुरु किया, इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा, उस अपराधिक गतिविधियों की शुरुआत ही यही से हुई है, इसके बाद वह माइनिंग के कारोबार से जुड़ गया। अब्दुल रज्जाक के बारे में यह खबर है कि उसने शहडोल व अनूपपुर में ग्रेनाइट व आयरन ओर के 16 पट्टे लिए है, वहीं बैतूल, शाहगढ़, सागर, कटनी, स्लीमनाबाद, बहोरीबंद, सिहोरा, नरसिंहपुर, देवास, छतरपुर में भी जमीनें बड़े पैमाने पर लीज पर ले रखी है, करीब 12 वर्षो में 165 खदानों के पट्टे लेकर खनन कर रहा है, जिसमें उसका एक बेटा भी साथ है, इन खदानों से अब्दुल रज्जाक को हर माह करोड़ों रुपए की कमाई हो रही है। उसकी कमाई का दूसरा जरिया मुम्बई से भी जुड़ा है।


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Harpreet Kaur