करवाचौथ : सुहागिनों का पर्व , देखिए शुभ मुहूर्त के साथ ही क्या करे क्या न करे

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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पति की लंबी उम्र की कामना का पर्व करवाचौथ इस बार 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ के व्रत का काफी महत्व है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास रखती हैं। खास बात यह है कि पांच साल बाद फिर से इस करवा चौथ पर शुभ योग बन रहा है। इस बार व्रत वाले दिन रोहिणी नक्षत्र में पूजन होगा। इसके अलावा इस साल करवा चौथ वाले दिन एक और खास बात है कि ये रविवार को है, इस वजह से सूर्य देव की कृपा भी महिलाओं पर रहेगी। करवा चौथ के व्रत को कठिन व्रत माना जाता है। क्योंकि ये व्रत काफी विधि-विधान से पूरा किया जाता है। व्रत को मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा है, जिसके अनुसार इंद्रप्रस्थपुर में एक ब्राह्मण रहता था, उसके साथ पुत्र और एक वीरावती नाम की पुत्री थी।

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इकलौती पुत्री होने के कारण वे सभी की लाडली थी। ब्राह्मण ने अपनी बेटी का विवाह एक ब्राह्मण युवक से कर दिया था। शादी के बाद वीरावती पहली करवाचौथ पर मायके आई हुई थी। उसने पति की लंबी उम्र के लिए मायके में ही व्रत रख लिया। वीरावती भूख-प्यास बर्दाश्त नहीं कर सकी और मूर्छित होकर गिर गई। भाइयों से बहन की ऐसी हालत देखी नहीं गई। बहन की हालत देख भाइयों ने उसका व्रत खुलवाने की सोची। उन्होंने एक दीपक जलाकर पेड़ के पीछे छलनी में रख दिया। और बहन को बोला की चांद निकल आया है वीरावती ने छत पर जाकर चंद्र दर्शन किए और पूजा पाठ करने के बाद नीचे आकर खाना खाने बैठ गई। वीरावती के भोजन शुरू करते ही पहले कौर में बाल आया, दूसरे में छींक आ गई और तीसरे कौर में उसे अपने ससुराल से निमंत्रण आ गया।


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Harpreet Kaur