दरअसल, राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव में मिली मात के बाद उद्धव सरकार के सामने सरकार को बचाए रखने की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।
आपको बता दे, राज्यसभा चुनाव के बाद अब विधान परिषद चुनाव में भी बीजेपी ने महा विकास आघाड़ी को शिकस्त दी है। राज्य में बीजेपी 5 सीटें जीतने में कामयाब रही है जबकि महा विकास आघाड़ी के एनसीपी-शिवसेना ने दो-दो सीटें जीती हैं। कांग्रेस एक सीट पर ही सिमट कर रह गई।
क्या है महाराष्ट्र में सत्ता संभालने का गणित
महाराष्ट्र में कुल 288 सीटें है, जिसका मतलब राज्य में किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए 145 सदस्य की जरुरत होगी। मौजूदा कार्यकाल के दौरान एक विधायक की मृत्यु हो गई थी, जिसकी वजह से अब 287 विधायक बचे हैं और सरकार के लिए 144 विधायक चाहिए।
फिलहाल, प्रदेश में शिवेसना की अगुवाई में महा विकास अघाड़ी के पास 169 विधायकों का समर्थन है, जबकि बीजेपी के पास 113 और विपक्ष में 5 विधायक हैं।
शिंदे के साथ 26 विधायक होने का दावा
जानकारी के मुताबिक, बागी नेता एकनाथ शिंदे के साथ 26 विधायकों के होने का दावा किया जा रहा है, जिसमें उद्धव सरकार में शामिल कई मंत्री भी हैं। इन विधायकों में शिवसेना के प्रकाश सर्वे, महेश शिंदे, संजय शिंदे, संजय बंगारी, अब्दुल सत्तार (मंत्री), ज्ञानेश्वर चौगुले, शंभूराज देसाई (मंत्री), भारतगोगावाले, संजय राठौड, डॉ संजय रायमुलकरी शिवसेना का होना बताया जा रहा है।
ऐसे बिगड़ सकता है खेल
महा विकास अघाड़ी के पास फिलहाल 169 विधायक है, जिसमें शिवसेना के 56, एनसीपी के 53 और कांग्रेस के 44 विधायक शामिल है। इसके अलावा सपा के 2, पीजीपी के 2, बीवीए के 3 और 9 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी सरकार को हासिल है।
उधर, बीजेपी को 113 विधायकों का समर्थन है, जिसमें बीजेपी के 106, आरएसपी के 1, जेएसएस के 1 और 5 निर्दलीय विधायक शामिल हैं।
राज्य में सरकार बनाने के लिए 144 विधायक की जरुरत है। शिंदे के साथ जो 26 विधायक मौजूद है, यदि वह अपना समर्थन वापस ले लेते है तो महा विकास अघाड़ी 143 विधायकों के साथ अपनी सीट नहीं बचा पाएगी। लेकिन बीजेपी के समीकरण पर नजर डाले तो, अगर पार्टी को बागी नेताओं का समर्थन हासिल होता है तो उसके पास 139 विधायक हो जाएंगे, जो सत्ता संभालने से 5 कम होंगे।
तो ऐसे में बीजेपी को पांच और महा विकास अघाड़ी को कुर्सी पर विराजमान होने के लिए एक विधायक का जुगाड़ करना होगा।