इंदौर।आकाश धोलपुरे
लॉक डाउन(lockdown) के दौर में घर के दाल, रोटी, आलू और चावल खाने वालों का अब जायका बदलने जा रहा है। कोरोना वायरस(corona virus) की रोकथाम को लेकर सतर्क जिला प्रशासन ने ने निर्णय लिया है कि हरी सब्जियां लोगों की पहुंच में हो। दरअसल देश और प्रदेश के अलग – अलग हिस्सों में हरी सब्जियां मुहैया हो रही है। ऐसे में अब इंदौर(indore) में हरी सब्जियों पर लगी रोक हटने जा रही है। खुद कलेक्टर(collector) मनीष सिंह एवं निगमायुक्त आशीष सिंह द्वारा बीते कई दिनों से सब्जी व्यापारियों और मंडी प्रबन्धन से चर्चा की जा रही थी कि लोगों तक सब्जियां पहुंचाने का फार्मूला(formulae) तैयार किया जाये।
जिसके बाद अब एक व्यवस्था के तहत लोग किराना व्यापारियो के नंबर पर फोन व्हाट्सएप या एसएमएस द्वारा सब्जी के ऑर्डर दे सकेंगे। ऑर्डर(order) लेने की सुविधा 2 मई से शुरू होगी। कलेक्टर मनीष सिंह ने इसी ले चलते मंगलवार को नेहरू स्टेडियम(stadium) में निगम के जोनल अधिकारी(zonal officer), वार्ड प्रभारी, सब्जी के थोक / खेरची विक्रेताओं की बैठक ली। बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह में साफ किया कि कहा किराना विक्रेता पहले दिन याने 2 मई से एक घर से केवल एक ही ऑर्डर ले और एक ही बास्केट(basket) की डिलेवरी(delivery) डोर टू डोर(door to door) करे और जब व्यवस्था दो – तीन दिन में जम जाएगी तब वो लोगो से अधिक बास्केट के ऑर्डर ले। वही सब्जी विक्रेताओ को कलेक्टर ने कहा कि सब्जी विक्रेता ध्यान रखे कि सब्जी ताजी हो, सब्जी में कोई खराबी न हो। सब्जी विक्रेता जहां पर सब्जी पैक करें वहां पर अनावश्यक भीड़ न लगाएं। वही जितने लोगों की आवश्यकता हो उतने ही बुलाये और किसानो को नुकसान न इस बात का भी ध्यान रखे। इधर, निगम आयुक्त आशीष सिंह ने कहा कि 2 मई से सब्जी के सप्लाई के आर्डर लिए जाएंगे और सब्जी बास्केट की कीमत रुपए होगी।
बास्केट में ये सब्जियां मिलेगी
200 ग्राम हरी मिर्च
100 ग्राम अदरक
200 ग्राम धनिया
2 निंबू
1 किलो लोकी या गिलकी
500 ग्राम भिंडी
1 किलो टमाटर
1 किलो सीजनल (सब्जी बैंगन /पालक/ ककड़ी/ गाजर/ गोभी) रहेगी। लोग क्षेत्रीय किराना विक्रेता के नंबर पर फोन, व्हाट्सएप या एसएमएस के जरिये सब्जी का ऑर्डर दे सकेंगे।
फिलहाल 2 मई से ऑर्डर दिए जा सकेंगे उसके बाद नियमित रूप से लोगो तक हरी सब्जियां पहुँच सकेगी। बस आपको ये ध्यान रखना होगा कि आप घर मे रहे और घर से ही ऑर्डर करे ताकि कोरोना से जंग लड़कर जीती जा सके।