कोरोना कर्फ्यू के विरोध में एकजुट हुए व्यापारी, बोले-बिना चर्चा फैसला स्वीकार नहीं

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर में 15 अप्रैल से 7 दिन का कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) लगाए जाने के फैसले का विरोध शुरू हो गया है। क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में हुए कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) के फैसले की जानकारी जैसे ही व्यापारियों को मिली सब इकठ्ठा होकर चेंबर ऑफ़ कॉमर्स पहुँच गए। शहर के बाजारों के व्यापारियों ने चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के पदाधिकारियों से कहा कि व्यापारियों को भरोसे में लिए बिना कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) लगाने का फैसला उन्हें स्वीकार नहीं है।

ग्वालियर में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंगलवार को जिला प्रशासन ने क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के साथ बैठक कर फैसला किया कि 15 अप्रैल सुबह 6 बजे से 7 दिन के लिए ग्वालियर में कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) लगाया जाएगा। कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) की खबर लगते ही शहर के व्यापारी उसके खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए चेंबर ऑफ कॉमर्स पहुँच गए। कुछ ही देर में चेंबर ऑफ कॉमर्स में ग्वालियर के अलग-अलग बाजारों के सैकड़ों व्यापारी इकठ्ठा हो गए।

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व्यापारियों ने एक सिरे से कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) को नकार दिया। चैंबर ऑफ कॉमर्स भी व्यापारियों के साथ खड़ा हो गया।  चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के पदाधिकारियों का कहना है कि व्यापारियों को भरोसे में लिए बगैर क्राइसिस मैनेंजमेंट ग्रुप की बैठक में 7 दिनों का कर्फ्यू (Corona Curfew) लगा दिया गया है। जबकि ये शादियों का सीजन है, पिछली बार भी व्यापारी कोरोना में पिसा था। इस बार भी वहीं हालत पैदा हो रहे है।

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उधर शहर के अलग-अलग बाजारों से आये व्यापारियों का कहना था की अगर यही हालत रहे है, तो कई छोटे व्यापारी आत्मघाती कदम उठा सकते हैं।  चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के मानसेवी सचिव डॉ प्रवीण अग्रवाल (Dr Praveen Agrawal) का कहना है कि कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह से बात की गई है कल बुधवार को दोपहर 12 बजे कलेक्टर से मुलाकात होगी। उसके बाद व्यापारी अपनी अगली रणनीति बनाएंगे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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