खास बात ये है कि 2018 के विधानसभा चुनाव की तर्ज पर कांग्रेस उपचुनावों में भी वही मास्टरस्ट्रोक खेलने जा रही है। इस चुनाव में कांग्रेस ने मिनी वचन पत्र (Promissory note) तैयार किया है, जिसमें कर्मचारियों, अतिथि विद्वानों के साथ साथ कोरोना पर 3 स्कीम का भी ऐलान किया है।
दरअसल, 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस (Congress) के वचन पत्र ने महत्वपूर्व भूमिका निभाई थी और 15 साल के वनवास के बाद प्रदेश की सत्ता हासिल की थी।लेकिन राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और समर्थकों के बगावत करने पर 15 महिनों में ही कमलनाथ सरकार बाहर हो गई और BJP ने सरकार बना ली। इसी के चलते कांग्रेस अब मिनी वचन पत्र के सहारे 28 सीटों को जीत हासिल कर वापसी में जुट गई है।
कांग्रेस पार्टी ने अपने 28 मिनी वचन पत्र में कृषि और किसान, सिंचाई, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेलकूद, पेयजल, सड़क पुल, उद्योग, रोजगार, पर्यटन, संस्कृति, प्रशासनिक के मुद्दे शामिल किए है और हर वर्ग को साधने की कोशिश की है।इसी के साथ कांग्रेस ने विश्वभर में तबाही मचाने वाले सबसे बड़े मुद्दे कोरोना को भी शामिल किया है। इसके तहत कांग्रेस ने जनता को बड़ी राहत देने की कोशिश की है।
वचन पत्र में इन तीन स्कीम का ऐलान
कोरोना वायरस के चलते कांग्रेस ने वचन पत्र में 3 योजनाओं का ऐलान किया है, जिसमें पहला कोरोना संक्रमण से परिवार के मुखिया की मौत होने पर एक सदस्य को संविदा नियुक्ति देने का ऐलान किया गया है, दूसरा कोरोना से प्रभावित क्षेत्र के फुटकर विक्रेताओं को 50 हजार का बिना ब्याज का लोन देने की स्कीम लागू करने की बात कही गई है और तीसरे में कोरोना को राजकीय आपदा घोषित कर उससे होने वाली मृत्यु पर परिवार को अनुग्रह राशि देने की योजना का लाभ देने की घोषणा की गई है।कांग्रेस ने कहा है कि यदि हमारी सरकार बनती है तो इन तीनों योजनाओं को तत्काल लागू किया जाएगा, ताकी जनता को लाभ मिले।