रतलाम,डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश से अक्सर अस्पताल (Hospitals) द्वारा बरती जा रही लापरवाही (Negligence) की खबरें सामने आ रही है। कहीं ऑपरेशन (Post Surgery) के बाद पेट में पट्टी छूटने की खबर सामने आती है तो कहीं नसबंदी के बाद मरीजों को स्ट्रेचर (Stretcher) की सुविधा नहीं मिल पाती है। जिस मामले के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं, इसमें पेट में लगे चाकू से घायल हुआ युवक घंटों तक इलाज (Treatment) के लिए तड़पता रहा, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने उसका इलाज करने की जगह परिजनों का इंतजार करना उचित समझा। हद तो तब हो गई जब पुलिस को मामले के बारे में पता चला तो वह तुरंत हॉस्पिटल पहुंची और बयान लेने की कार्रवाई में इतनी व्यस्त हो गई कि उसने यह नहीं देखा कि जिस युवक से वह बयान ले रही है उसका इलाज नहीं हुआ है और उसके पेट में चाकू (Knife) अभी भी लगा हुआ है।
डॉक्टर करते रहें परिजनों का इंतजार
दरअसल रविवार की रात रतलाम (Ratlam) के ईश्वर नगर के रहने वाले राजेश नाम का युवक अपने पड़ोसी के साथ एक सगाई समारोह में गया हुआ था। समारोह से लौटते वक्त राजेश का अपने कुछ साथियों के साथ विवाद हो गया और देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ गया कि गोविंद नाम के शख्स ने उसके पेट में चाकू मार दिया जिससे वह घायल हो गया। घायल हालत में राजेश को जब उसकी रिश्ते से लगने वाली बहन ने देखा तो वह उसे तुरंत इलाज के लिए अस्पताल लेकर गई। अस्पताल पहुंचने के बाद प्रबंधन द्वारा युवती से घटना के बारे में जानकारी ली गई पर वह सही तरह से जानकारी नहीं दे पाई, जिसके चलते डॉक्टर परिजनों का इंतजार करने लगे और उसका चाकू (Knife) निकाल कर उसका इलाज करने की एवज उसके जख्म पर हल्की पट्टी बांध दी।
जांच में जुटी पुलिस
वही पूरे मामले को लेकर रतलाम (Ratlam) जिले के दीनदयाल नगर थाना के प्रभारी बताते हैं कि पूरे मामले को लेकर जांच की जा रही है। जांच के उपरांत ही आगे कोई कार्रवाई की जाएगी। इस घटना के बाद से रतलाम जिला अस्पताल कई सवालों के घेरे में आ गया है। जैसे कि जब तक परिजन नहीं आएंगे तो क्या घायल तड़प तड़प कर बिना इलाज के ही मर जाएगा ? परिजन के आए बिना उसे इलाज मुहैया कराना अस्पताल प्रबंधन का फर्ज नहीं है ? 3 घंटे बीत जाने के बावजूद घायल का इलाज क्यों नहीं किया गया, क्या रतलाम जिला अस्पताल के पास चाकू से घायल मरीज का इलाज करने की कोई व्यवस्था नहीं है ?