भोपाल, डेस्क रिपोर्ट| उपचुनाव (Byelection) में मिली जीत के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) कामकाज को रफ़्तार देने में जुट गए हैं| अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं| लेकिन इस बीच सीएम के सामने मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion) बड़ी चुनौती बना हुआ है| वहीं उपचुनाव के कारण अटका मंत्रियों को जिलों का प्रभार देने का मामला भी ठन्डे बस्ते में है|
28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में 14 मंत्री भी मैदान में थे| जिनमें से तीन मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा| दो मंत्रियों को उपचुनाव से पहले इस्तीफा देना पड़ा| गोविन्द सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट को जल्द दोबारा शपथ दिलाई जाने की संभावना है| लेकिन टीम शिवराज में और किसे मौक़ा मिलेगा इसको लेकर अब तक तस्वीर साफ़ नहीं हो पाई है|
दोबारा सत्ता में आने के बाद कोरोना नियंत्रण की तैयारियों में व्यस्तता के चलते मुख्यमंत्री ने देर से कैबिनेट का गठन और फिर विस्तार किया| तब माना जा रहा था कि मंत्रियों को जल्द ही जिलों का प्रभार सौंप दिया जाएगा| लेकिन यह मामला लगातार टलता रहा| इसके बाद उपचुनाव आ गए और जिलों का प्रभार फिर नहीं दिया गया| अब उपचुनाव के नतीजे आये 25 दिन से अधिक समय हो गया है| लेकिन अब तक मंत्रियों को प्रभार दिए जाने की कोई चर्चा नहीं हुई| हालाँकि कैबिनेट विस्तार की अटकलें लगाईं जा रही है| दावेदारों ने अपनी दौड़ भी शुरू कर दी है| लेकिन विस्तार कब होगा, यह साफ़ नहीं है| संभवतः मंत्रिमंडल विस्तार के बाद ही सभी मंत्रियों को जिलों का प्रभार सौंपा जाएगा|