ग्वालियर, अतुल सक्सेना। अपने घर से लाखों का कैश और सोने चांदी के जेवर लेकर गायब हुए टाइल्स कारोबारी के बेटे को पुलिस ने मुरैना जिले के एक गाँव से बरामद कर लिया हैं। पुलिस ने नाबालिग को ले जाने वाले मुख्य आरोपी नाबालिग के दोस्त को गिरफ्तार कर लिया। जबकि दो आरोपी अभी फरार हैं। पूछताछ में पता चला है कि आरोपियों की नजर नाबालिग के पिता के पैसों पर थी। उन लोगों ने बहला फुसला कर नाबालिग को अपनी तरफ मिलाया और पैसे और जेवर लेकर नाबालिग को अपने साथ ले गए। आरोपियों ने नाबालिग को ले जाकर दिल्ली में शॉपिंग की और पैसे उड़ाए। पुलिस ने जेवर और बचा हुआ कैश बरामद कर लिया है।
ग्वालियर के महाराजपुरा थाना क्षेत्र के शताब्दीपुरम में रहने वाले टाइल्स कारोबारी देवेंद्र भदौरिया के गायब नाबालिग बेटे गौरव के अपहरण की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। गौरव को पुलिस ने मुरैना जिले के नूराबाद थाने के गाँव धनेला से बरामद किया है। पुलिस ने मुख्य आरोपी धीरेंद्र गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया है जबकि दो अन्य आरोपी रविंद्र और पोन्चू अभी फरार हैं। पुलिस ने इनके पास से 15-20 तोले सोने चांदी के जेवर और करीब सवा डेढ़ लाख रुपये नगद बरामद किये है।
नाबालिग को लेकर दिल्ली गए, एपल का मोबाइल ख़रीदा, पैसे उड़ाए
सीएसपी रवि भदौरिया ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से बात करते हुए बताया कि नाबालिग को उसका दोस्त धीरेंद्र गुर्जर अपने भाई रविंद्र गुर्जर और मौसेरे भाई पोन्चू के साथ बहला फुसला कर ले गया था। 17 साल के गौरव भदौरिया को इन लोगों ने झांसे में लिया और घूमने के बहाने घर से पैसे लाने के लिए कहा। गौरव ने घर से तिजोरी और कैश समेटा और आरोपियों के साथ भाग गया। पुलिस ने बताया कि धीरेंद्र ने अपने भाई रविंद्र और पोन्चू के साथ गौरव को तिजोरी के साथ लिया और स्विफ्ट कार से पहाड़ी गाँव पहुंचे। यहाँ तिजोरी तोड़ी और फिर जेवर और गाड़ी पिता रामेश्वर को दी और फिर वीडियो कोच से दिल्ली निकल गए। दिल्ली में दूसरे दिन शॉपिंग की, पैसे उड़ाए। इन लोगों ने सवा लाख का एपल का मोबाइल फोन खरीदा, 18 हजार के नाइकी के जूते खरीदे और वापस धीरेंद्र अपने मामा के गाँव धनेला आ गए।
रिश्तेदारों को पुलिस ने उठाया तब जाकर हुई बरामदगी
सीएसपी ने बताया कि वारदात को पुलिस ने गंभीरता से लिया। महाराजपुरा थाना पुलिस ने आरोपियों के करीब 20-25 रिश्तेदारों से जब पूछताछ की तो ये दबाव काम आया और आरोपी धीरेंद्र एवं गौरव की लोकेशन मिली जिसके बाद मामला सुलझ गया। अभी अन्य आरोपी रविंद्र और पोन्चू फरार हैं। पुलिस का कहना है कि नाबालिग के मुताबिक तिजोरी में 4 लाख रुपये थे और जेवरात थे जबकि फरियादी देवेंद्र भदौरिया ने 8 लाख कैश और 38 लाख के जेवर ले जाने की बात कही थी। पुलिस अब बरामद पैसे एवं जेवरात के साथ फरियादी की रिपोर्ट में लिखाये गए कैश और जेवरात की मिलान करेगी।